हरिद्वार। तीर्थनगरी में गोपाष्टमी पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने गौ पूजन कर पर्व मनाया। इस अवसर पर लोगों ने गौर पूजन के साथ गायों को चारा, गुड आदि खिलाकर उनका पूजन किया और सुख-समृद्धि की कामना की। हरिद्वार के आश्रम-अखाड़ों में स्थित गौशालाओं में भी गोपाष्टमी का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर गौरी शंकर गौशाला के परमाध्यक्ष बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने बताया कि हिन्दू धर्म में गाय को सबसे पवित्र माना गया है और सभी गाय माता की पूजा करते हैं। गाय माता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। गाय का दूध, घी, दही, छांछ यहां तक की मूत्र भी मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। गोपाष्टमी त्योहार हमें बताता है कि हम सभी अपने पालन के लिये गाय पर निर्भर करते हैं इसलिए वो हमारे लिए पूज्यनीय हैं और उन्हीं को समर्पित हैं गोपाष्टमी पर्व। बताया कि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार दिवाली के ठीक बाद आने वाली कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
बताया कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है। गोपाष्टमी के पर्व पर गाय की विशेष पूजा की जाती है। कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को सुबह गौ का स्नान कराकर उन्हें फूल चढ़ाना चाहिए और उनकी पूजा की जानी चाहिए।
