गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बचाने के संघर्ष में अब किसान यूनियन (टिकैत) की एंट्री

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हरिद्वार। गुरुकुल महाविद्यालय में भारतीय किसान यूनियन टिकैत का कार्यालय खोला गया। जिसका उद्घाटन गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगाचार्य कर्मवीर ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कभी 1 रुपये के दान और एक छात्र से शुरू हुए महाविद्यालय की करीब 350 बीघा जमीन आज खुद महाविद्यालय के लिए अभिशापित होती नजर आ रही है।

गुरुकुल महाविद्यालय की कीमती जमीन पर नजर: दरअसल महाविद्यालय जिस जगह स्थित है, वह आज नेशनल हाईवे से सटा होने के कारण उनकी जमीन की कीमत लाखों-करोड़ों में नहीं, कई सौ करोड़ों में है। जिसके चलते पिछले वर्षों में संस्था के दो गुटों में संस्था पर आधिपत्य को लेकर संघर्ष चल रहा है। एक पक्ष जो महाविद्यालय पर काबिज है, उसने दूसरे पक्ष पर आरोप लगाया था कि वह योग गुरु के साथ मिलकर आर्य समाज की इस प्राचीन संस्था को समाप्त करना चाहते हैं।

इस मौके पर आचार्य कर्मवीर ने कहा कि गुरुकुल को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन की आवश्यकता है. जिसके लिए मै सभी से अनुरोध करता हूं कि अगर आज हम गुरुकुल के लिए नहीं खड़े हुए, तो गुरुकुल नहीं बच पाएगा। हम जल्द एक मीटिंग करके निर्णय लेंगे कि आगे की रूपरेखा क्या रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के राज्यपाल दोनों से बैठकर वार्तालाप की जाएगी और किसी भी तरह से इस गुरुकुल को बचाया जाएगा। अगर इस गुरुकुल को बचाने के लिए एक बड़ा आंदोलन भी हमें करना पड़ा तो हम उसमें भी पीछे नहीं हटेंगे।

गुरुकुल महाविद्यालय में भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय के उदघाटन अवसर पर बोलते हुए यूनियन के गढ़वाल मंडल के अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि आज गुरुकुल महाविद्यालय में विधिवत रूप से हमने कार्यालय का उद्घाटन कर दिया है। अब भारतीय किसान यूनियन इस महाविद्यालय की सभी गतिविधियों पर निगरानी रखेगा। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में भारतीय किसान यूनियन का कार्यालय खोलने का उद्देश्य भी यही है कि इस जमीन पर जिन लोगों की निगाह बनी हुई है, वो अब अपनी निगाह हटा लें, क्योंकि अब भारतीय किसान यूनियन ने इस महाविद्यालय को बचाने का बीड़ा उठा लिया है।

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