कोरोना संकट काल में मानवता की सेवा में जुटे डा. नरेश चौधरी

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हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रोफेसर, सचिव इण्डियन रेडक्रास डा. नरेश चौधरी को कोरोना महामारी रोकथाम में रिसोर्स प्रबन्धन, मेडिकल्स सुविधाए, हैल्फडेस्क आदि में प्रभारी बनाकर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है, जिसके परिप्रेक्ष में डा. नरेश चौधरी बढ़चढ़कर मानवता की सेवा कर रहे है। इसी क्रम में प्रीति निवासी 16/120 करौलबाग, नई दिल्ली, अपनी तीन पुत्रियों के साथ हरिद्वार लॉकडाउन के दौरान फंस गई। और उनका अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया, जिसके लिये जिला पर्यटन अधिकारी ने डा. चौधरी को फोन से अवगत कराया, तुरन्त ही डा. नरेश चौधरी ने महिला यात्री को विशेषज्ञ चिकित्सक से चिकित्सा परीक्षण उपरान्त दवाई उपलब्ध कराकर होटल छोडा। परन्तु पुनः अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण महिला दर्द से कराहते हुए अपने परिवार के पास दिल्ली जाकर ही समुचित ईलाज करवाने के लिए अनुग्रह कर रही थी। जिसके बाद डा. चौधरी ने तुरन्त उन्हे आकास्मिक दवाईयां दिलाकर अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह के व्यक्तिगत सहयोग से जिलाधिकारी से अनुमति पत्र प्राप्त कर उक्त महिला को पुत्रियांे सहित दिल्ली भिजवाने की समुचित व्यवस्था की। जिसके फलस्वरूप दिल्ली जाकर प्रीति एवं उसके परिवार ने जिलाधिकारी, अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह एवं डा. नरेश चौधरी को धन्यवाद प्रेषित किया। इसी प्रकार सुभाष नगर निवासी मनोज जोशी की गर्भवती धर्मपत्नी की अचानक अत्याधिक तबीयत खराब हो गई, लॉकडाउन होने के कारण कोई अल्ट्रासाउड सेन्टर भी नहीं खुला था, चन्द्राचार्य चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस इस्पैक्टर एवं मनोज जोशी ने मदद के लिये अवगत कराया जिसके उपरान्त डा. चौधरी ने तुरन्त महिला का उल्ट्रासाउड कराकर विशेषज्ञ चिकित्सक से ईलाज करवाकर घर भिजवाया, जिससे उक्त महिला की समय से चिकित्सा होने के कारण जान बच सकी। इसी प्रकार हाथरस निवासी नयन अग्रवाल अपनी बुर्जुग माता के साथ लॉकडाउन में फंस गये। डा. चौधरी ने पता चलते ही नयन अग्रवाल की माता का समुचित ईलाज कराकर जिलाधिकारी हरिद्वार से व्यक्तिगत अनुमति पत्र लेने के उपरान्त उनको उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की, जिसके फलस्वरूप नयन अग्रवाल के परिवार ने जिलाधिकारी हरिद्वार एवं डा. नरेश चौधरी को धन्यवाद प्रेषित किया। ज्ञात हो डा. नरेश चौधरी पूर्व में भी जनपद हरिद्वार में वर्ष 2007 एवं 2010 की बाढ रूपी आपदा तथा वर्ष 2013 की केदारनाथ की भयानक दैवी आपदाओं में इसी प्रकार की अग्रणीय भुमिका अदाकर महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड शासन से भी कई बार सम्मानित किये जा चुके हैं।

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