आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति घोषित किया जाएः डॉ. जोशी

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कोविड-19 के अंतर्गत आयुर्वेद का महत्व विषय पर वेबीनार का आयोजन
हरिद्वार।
इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा कोविड-19 के अंतर्गत आयुर्वेद का महत्व विषय पर एक वेबीनार आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वाइस चांसलर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के डॉ. सुनील जोशी ने कहाकि सारा देश अंग्रेजी इलाज से निराश-हताश होकर अंतिम उम्मीद लिए आयुर्वेद की ओर जा रहे हैं। आज शायद ही कोई घर होगा जहां आयुर्वेद से जुड़ा एकाध उत्पाद न हो। अनियमित जीवनशैली से परेशान लोग हर्बल उत्पाद के प्रति न सिर्फ उन्मुख हो रहे हैं, बल्कि सुबह के व्यायाम में योग से लेकर खानपान और उपचार में आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ क्रियाएं ऐसी हैं जिसे अपनाने को लंबा इंतजार भी उन्हें कुबूल है। पंचकर्म उन्हीं में से ही एक है। उन्होंने कहाकि अलग-अलग ऋतुओं में लोग आयुर्वेद की कुछ क्रियाएं कराते हैं। उन्होने कहा कि आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति घोषित किया जाए। उन्होंने एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चिकित्सा तकनीक है, जिसे पैरों और तलवे में मौजूद ऐसे कई प्वाइंट्स होते हैं जिनकी मदद से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण के कहाकि आयुर्वेद हमें बच्चों को बचपन से पढ़ना चाहिए जो कि हम लोग नहीं पढ़ाते हैं, इसकी जानकारी सभी बच्चो को होनी चाहिए।
पूर्व राज्य मंत्री मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उद्भव भारतीय संस्कृति, भारत में उत्पन्न विभिन्न वनस्पतियों के आधार पर, यहां पर प्रचलित व्यायाम क्रियाओं एवं यौगिक क्रियाओं के आधार पर किया जाता है। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने कहाकि विभिन्न ऋतुओं में, प्रातःकाल, मध्याह्न तथा रात्रि में किस प्रकार के आहार को प्रयोग करना अथवा किस प्रकार के आहार को प्रयोग त्याज्य बताया गया है। डॉ. आर के भटनागर, इंजीनियर मधुसूदन आर्य, दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ. सपना बंसल, बृजमोहन अग्रवाल, मनोहर लाल शर्मा, सतीश चन्द्र अग्रवाल, नेहा मालिक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर एस आर गुप्ता, डॉ. सुनील बत्रा, डॉ पीके शर्मा, नानक चंद गोयल, अनन्या अग्रवाल, सुनील वाष्णेय, प्रभात त्रिपाठी, हेमंत सिंह नेगी, रुचिर कुमार, रेखा नेगी, निभि त्रिपाठी, मधुबाला अग्रवाल, अन्नपूर्णा बंधुनी, उपेंद्र अग्रवाल इत्यादि उपस्थित रहे।

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