धर्मनगरी के लिए नासूर बने ई रिक्शा;अवैध ऑटो,रेडी, ठेली, ढाबों ने भी बिगड़ी शहर की सूरत

Haridwar social

*जिला प्रशासन का भी नहीं कोई नियंत्रण।

गणेश वैद

हरिद्वार। अतिक्रमण व जाम को लेकर तीर्थ नगरी हरिद्वार की हालत दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। यहां की मुख्य सड़कों से लेकर बाजारों गलियों में फैले अतिक्रमण व जहां तहां घूम रहे बेलगाम ई रिक्शा व ऑटो ने शहर की सड़कों पर आमजन का चलना दूभर कर दिया है। शहर की बिगड़ती स्थिति के लिए जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक सब जिम्मेदार है। वजह तीर्थ नगरी की सुंदरता व इसके अनुरूप बनने वाले यातायात का कोई भी ठोस प्लान जमीनी स्तर पर लागू ना होना। एसी कमरों में बैठकर अधिकारीगण इस पर प्लान तो बनाते है लेकिन धरातल पर कार्यान्वयन ना होने के कारण स्थिति जस की तस रहती है।

साल भर चलने वाली यात्राएं,गंगा स्नान एवं अन्य मौकों पर देश विदेश से आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओ की भारी भीड़ को देखते हुए हरिद्वार के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया जो पूर्व में बने भी वह आज भी फाइलों में ही कहीं सड़ रहे होंगे। इसके अलावा हर साल बढ़ता अतिक्रमण तीर्थ नगरी की सूरत बिगाड़ता ही जा रहा है उपर से नियम कायदों को ताक पर रखकर जीरो जोन में घुस रहे अवैध ऑटो, ई रिक्शाओं ने इस समस्या में आग में घी का काम किया।

निगम प्रशासन की कार्यवाही केवल दिखावा

यदा कदा यहां अतिक्रमण के खिलाफ निगम प्रशासन कोई कार्यवाही करता भी है तो वह केवल दिखावा व छलावा मात्र है। क्योंकि अभी हाल ही में निगम प्रशासन की ओर से शहर कोतवाली से लेकर बस अड्डे तक जिस अतिक्रमण को हटाया गया वहा फिर से अतिक्रमण ने पांव पसार लिए। इसके साथ ही अवैध ई रिक्षाओ के संचालन से समस्या और भी गंभीर हो चली है। इसके लिए जितना निगम व जिला प्रशासन जिम्मेदार है उतना ही पुलिस प्रशासन भी। क्योंकि कोतवाली के नाक के नीचे से ही इन अवैध ई रिक्शाओं व ऑटो का संचालन होता है। सूत्र बताते है कि बिना पुलिस को सुविधा शुल्क दिए कोई जीरो जोन पार नहीं करता। यूं तो देखा जाए तो अतिक्रमण नेताओ व नगर निगम के अधिकारियों की आंखो के सामने ही होते आए है व हो रहे है,लेकिन उस पर कार्यवाही तभी होती है जब इसके खिलाफ मीडिया रिपोर्ट तैयार होती है या न्यायालय की फटकार लगती हो वरना एसी कमरों में बैठकर अधिकारी आंखे मूंदे रहते है।

अवैध ऑटो,विक्रम स्टैंड बन गया

कमोबेश यही हाल रेलवे स्टेशन से देवपुरा तक का है। जहां खोखे,रेहड़ी ठेलियो के साथ साथ अवैध रूप से ऑटो,विक्रम स्टैंड भी बन गया। यहां भी देखा गया कि निगम प्रशासन की टीम ने जिन अवैध खोखों को हटाया था वहा फिर से दोगुनी तादात में लग गए। ऊपर से ऑटो,विक्रम व टैक्सी आदि अवैध रूप से अपना अड्डा बनाए हुए है जिन पर निगम प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा। आलम ये है कि मुख्य सड़क को घेर कर यहां तहां खड़े इन वाहनों से हर समय भारी जाम की स्थिति बनी रहती है।

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