महंत की हत्या केस से उठा पर्दा;मुख्य हत्यारोपी सहित 04 गिरफ्तार,दो अभी पुलिस रडार पर

Crime Haridwar

*आश्रम की बेशकीमती संपत्ति बनी हत्या की वजह

द्रीविशाल ब्यूरो

हरिद्वार। कनखल स्थित एक आश्रम के महंत की हत्या के राज से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने आश्रम के फर्जी बाबा सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अभी और भी षड्यंत्रकारियों की तलाश में जुटी है।

पुलिस के मुताबिक बीते गुरुवार गौरी गीता आश्रम बिरला मन्दिर,रायवाला निवासी रुद्रानन्द पुत्र श्यामलहरी गिरी ने श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल के मुख्य महंत राम गोविन्द दास शिष्य बिशम्बर दास महाराज की गुमशुदगी कनखल थाने में दर्ज कराई गई।

तहरीर दर्ज कर थाना प्रभारी मनोज नौटियाल के नेतृत्व में कनखल पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आश्रम से जुड़े लोगों से कई दौर की वार्ता की। जांच में पुलिस को पता चला कि विगत जून माह से आश्रम में गुमशुदा महंत की जगह एक बाबा आया है जिसे आश्रम के लोगों ने पहले कभी नहीं देखा। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच तेज करते हुए आश्रम के अन्य लोगों से गहराई से पूछताछ की।

पूछताछ में पुलिस को कुछ लोगों की भूमिका पर संदेह हुआ। जिसके बाद कनखल पुलिस ने आश्रम में आए नए बाबा रामगोपाल नाथ से कई दौर की पूछताछ की। बातचीत में संदेह होने पर पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो फर्जी बने बाबा ने सारा राज उगल दिया। जिसमें लापता हुए महंत राम गोविंद दास की हत्या की बात सामने आ गई।

मामले में पुलिस ने तुरन्त रामगोपाल नाथ पुत्र स्व० मनफूल सिहं निवासी ग्राम कोहरा, कानपुर को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद उसके बयान के आधार पर पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी अशोक पुत्र रघुवीर सिंह दुर्गापुरी एक्टेन्शन शहादरा दिल्ली के साथ ही आरोपी ललित पुत्र दिनेश शर्मा निवासी पृथ्वी विहार मेरठ रोड करनाल व संजीव शरदचन्द निवासी मुण्डेत मंगलौर हरिद्वार को भी हिरासत में ले लिया। मामले में पुलिस अभी दो और आरोपियों की तलाश में जुटी है।

जिला मुख्यालय रोशनाबाद में महंत की हत्या का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि श्रद्धा भक्ति आश्रम के मुख्य महंत राम गोविन्द दास की हत्या महंत के बैंक एकाउंट में पड़े लाखो रुपए व आश्रम की बेशकीमती सम्पत्ति हड़पने की नियत से की गई।

ये थी हत्या की मुख्य वजह

मास्टरमाइंड अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर महंत की करोड़ों की प्रोपर्टी हड़पने के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया था। मुख्य आरोपी महंत की हत्या के पश्चात महंत की लगभग 50 लाख की FD, चेक बुक, मोबाइल व अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गया और गुमराह करने के उद्देश्य से मृतक के मोबाइल में अलग अलग सिम डाल रहा था।

महंत के बैंक एकाउंट चैक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से लगभग 10 लाख की रकम भी हड़प चुका था इसके बाद अब लाखों की FD, जिसके मूल कागज़ात इनसे बरामद हुए हैं, को कैश कराने की फिराक में घूम रहा था।

कैसे दिया था घटना को अंजाम

घटना का मास्टरमाइंड अशोक फरवरी माह 2024 में आश्रम में आया था जो कपड़े बेचने के लिए आश्रम एवं आसपास इलाकों में आता था और कभी-कभी एक या दो दिन के लिए आश्रम में रूक जाया करता था वहीं से इसकी बाबा से मुलाकात हो गई। ये आश्रम के बाबा को 2021 से जानता था। इसी कारण लगभग 3 माह आश्रम में रुक कर गया था। मुख्य आरोपी अशोक समय-समय पर अपने दोस्त ललित, सौरभ व प्रदीप को आश्रम में बुलाता रहता था। इस दौरान इनके द्वारा आश्रम की पूरी जानकारी, महंत का उत्तराधिकारी न होने व शहर के बीचोंबीच स्थित आश्रम की बेशकीमती संपत्ति के बारे में गहनता से जानकारी इकट्ठा कर अशोक वापस गया और अपने साथियों ललित, सौरभ व प्रदीप के साथ षड़यंत्र रचते हुए महंत को रास्ते से हटा पूरी की पूरी बेशकीमती संपत्ति पर कब्जा कर मोटा मुनाफा कमाने का कुटिल प्लान बनाया।

सभी दोस्तों ने प्लान के मुताबिक सबसे पहले आश्रम में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे हटा दिए और मौका देखकर दिनांक 01 जून 2024 को महंत राम गोविंद दास को पहले नशे के इंजेक्शन लगाकर मूर्छित कर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने कट्टे में रखे शव को किराए की स्कूटी की मदद से ले जाकर गंगा नदी में फेंक दिया।

महंत की हत्या के बाद अशोक ने 3 जून को अपने किसी परिचित फर्जी बाबा रामगोपाल नाथ को रुपयों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया और फर्जी बाबा को अंधेरे में रखकर महंत के धर्म प्रचार हेतु अयोध्या जाना बताया व बताया कि किसी के द्वारा महंत के बारे में पूछताछ करने पर महंत के अयोध्या जाने की बात कहना। अशोक द्वारा बुलाए गए फर्जी बाबा को बाकी लोगों के साथ उठने बैठने, खाने-पीने के दौरान कुछ दिन बाद आश्रम के महंत की हत्या की जानकारी हो गई लेकिन समय-समय पर मिल रहे खर्च एवं आश्रम बेचकर हिस्से में आने वाले मोटे मुनाफे के लालच में वह चुपचाप बैठा रहा और इस बात को दबाए रखा।

आश्रम को ठिकाने लगाने की थी फिराक

महंत की हत्या के बाद उसके आश्रम को बेचने के लिए आरोपी अशोक ने प्रॉपर्टी डीलर संजीव त्यागी से मिलकर महंत के हू-ब-हू जाली हस्ताक्षर कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया

क्या क्या हुआ आरोपियों से बरामद

मुख्य हत्यारोपी अशोक की निशानदेही से पुलिस ने मृतक महंत गोविंदास की 16 लाख रूपए की पीएनबी की मूल FD, दो चैक बुक व फर्जी वसियतनामें की छायाप्रति बरामद हुई। पकड़ में आए आरोपियों की निशांदेही पर वारदात के दौरान प्रयुक्त इंजेक्शन, नशीली गोली का पत्ता आदि बरामद किया गया। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

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