हरिद्वार में चल रहा था कॉल सेंटर के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी का धंधा;गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने दबोचा 

Crime Haridwar

रिपोर्ट :- गणेश वैद

हरिद्वार। फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के पास से छह मोबाइल फोन,14 डेबिट कार्ड, एक मशीन, एक कंप्यूटर, बैंक की पासबुक और लेनदेन के रजिस्टर बरामद किए गए हैं।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गृह मंत्रालय के 14 सी वेब पोर्टल पर क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से लाखों रुपए की ऑनलाइन की 22 अलग-अलग घटनाएं प्राप्त हुई थी। जिस पर एसटीएफ ने हरिद्वार के रावली मेहदूद में चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर छापेमारी की। जिसमें सेंटर को संचालित करने वाले मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी की गई है।

जांच के दौरान अलग-अलग मोबाइल नंबरों के डेटा को चेक किया गया, जिसमें सामने आए संदिग्ध बैंक अकाउंट के लेन-देन की डिटेल्स सामने आई। इन बैंक अकाउंट्स को चेक किया गया तो पाया गया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और देशभर के अन्य राज्यों से अलग-अलग लोगों के बैंक अकाउंट्स से राशि ट्रांसफर की जा रही है। इन संदिग्ध खातों में पिछले कुछ महीनो में 70 लाख रुपए का लेनदेन पाया गया। इसके बाद एसटीएफ ने सूचना पर मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार में एक घर में छापा मारकर एक व्यक्ति विपिन पाल को गिरफ्तार किया।

आरोपी हरिद्वार में पिछले 7 साल से रह रहा है। मूल रूप से वह उत्तर प्रदेश के जिला शामली का रहने वाला है और महज 10वीं पास है। आरोपी पिछले कई सालों से क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस और अलग-अलग लोन दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। उसके साथ इस काम में 11 लोग एक गिरोह बनाकर ऑनलाइन ठगी का काम करते हैं। सभी को अलग-अलग काम दिया गया था। जिसे विपिन पाल द्वारा ही संचालित किया जा रहा था।

धोखाधड़ी से बनाई करोड़ों की संपत्ति

पकड़े गए मुख्य आरोपी विपिन पाल ने रामनगर रावली महदूद हरिद्वार में अपने घर के पास ही एक दो मंजिला नया मकान खरीदा, जबकि फर्जी कॉल करने के लिए एक ऑफिस ब्रह्मपुरी बाजार में खोला गया था। जहां से कंप्यूटर, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड्स, लेन-देन का रजिस्टर, पीओएस मशीन, चेक बुक और अन्य सामान बरामद किया गया है। धोखाधड़ी के लिए गिरोह द्वारा गूगल पे, पेटीएम, पेजैप, नो ब्रोकर पे, फोन पे एप आदि फोन एप्स को युज किया जाता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *