जल संस्थान द्वारा खोद कर डाले गये गढ्ढे में घोडा गिरा

Haridwar Latest News

पैर की हड्डी कई जगह से टूटी, अधिकारियों का नहीं उठा फोन
पशु चिकित्सक ने भी नहीं दिखाई गम्भीरता, हैरान करने वाली दी दलील
हरिद्वार।
विकास के नाम पर शहर को खोदकर डालने का खामियाजा शहरवासियों व जानवरों को भुगतना पड़ रहा है। खोदकर डाले गये गढ्ढों में आये दिन कोई न कोई गिरकर चोटिल हो रहा है। जिसके सम्बंध् में व्यापारियों सहित विपक्षी दलों द्वारा आवाज उठाई जा चुकी है। लेकिन सम्बंधित विभाग अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इतना ही नहीं गढ्ढों में गिरकर केवल इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी गिरकर चोटिल हो रहे है। जिसका उदाहरण रविवार को देखने को मिला। एक रेत-बंजरी की घोडा बुग्गी हरिद्वार से वापस ज्वालापुर की ओर जा रही थी। बताया जा रहा हैं कि जब घोडा बुग्गी देवपुरा के पास पहुंची, तभी जल संस्थान द्वारा खोदकर डाले गये गढ्ढे में गिरकर घोडे की टांग टूट गयी। घटना की शिकायत करने का प्रयास किया तो जल संस्थान अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। इतना ही नहीं पशु चिकित्सक भी सवेंदनहीन बने रहे, उनकी उपचार के सम्बंध् में दी गयी दलील ने सभी को हैरान कर दिया। जानकारी के अनुसार फिरोज निवासी मौहल्ला कड़च्छ ज्वालापुर अपने घोडा बुग्गी से रेत हरिद्वार शहर में डाल कर रविवार की दोपहर को वापस खाली घोडा बुग्गी लेकर घर लौट रहा था। बताया जा रहा हैं कि जब फिरोज अपनी खाली घोडा बुग्गी लेकर देवपुरा के पास पहुंच, तभी जल संस्थान द्वारा खोद कर डाले गये गढ्ढे में घोडे का पैर फंस गया और गिर गया। घटना में घोडे के पैर की कई जगह से हड्डी टूट गयी। घटना स्थल पर घोडा दर्द से तड़फता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। घटना की जानकारी पर फीड स्ट्रा एनिमल वैलफेयर बोर्ड अध्यक्ष नवदीप अरोड़ा, महामंत्री अनुराग शर्मा और मीडिया प्रभारी बलराज ढिंगडा मौके पर पहुंचे। जिन्होंने लोगों की मदद से घोडे को बामुश्किल गढ्ढे से निकाला। फीड स्ट्रा एनिमल वैलफेयर बोर्ड मीडिया प्रभारी बलराज ढिंगडा ने बताया कि जब घोडे के उपचार के लिए पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर मामले की जानकारी दी। आरोप हैं कि पशु चिकित्सक ने घायल घोडे के उपचार में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और हैरान करने वाली अपनी दलील देकर चौका दिया। जब जल संस्थान के अधिकारियों से फोन पर सम्पर्क साधने का प्रयास किया तो उनका फोन ही नहीं उठा। घटना की जानकारी मायापुर चौकी पुलिस को दी गयी। सूचना पर मायापुर चौकी प्रभारी संजीत कण्डारी ने मौके पर पहुंकर मामले की जानकारी ली। लेकिन उनके द्वारा भी जल संस्थान अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन उनका भी फोन नहीं उठा। मीडिया प्रभारी ने बताया कि जहां पर शहर के विकास के दावे किये जा रहे है। वहीं सम्बंधित विभाग द्वारा अपने द्वारा कराये जा रहे कार्यो के प्रति जिम्मेदार नजर नहीं आ रहे है। जिनकी लापरवाही का खामियाजा शहर की जनता व जानवरों को भुगतान पड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *