सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा पर कूच करेंगे नागा सन्यासी

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हरिद्वार। लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर चीनी सैनिकों के कायराना हरकत पर पूरे देश के लोगों में गुस्सा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी चीनी सैनिकों की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की है। देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए भारतीय सैनिकों को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्र सरकार से चीन को उसकी ही भाषा में मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने कहाकि हमारे देश की सेनायें सीमा की रक्षा और चीन को उसकी हरकत का जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम हैं। लेकिन फिर भी अगर जरुरत पड़ी तो धर्म की रक्षा करने वाले नागा संन्यासी भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा पर कूच करेंगे। कहाकि नागा सन्यासियों को सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए शास्त्र की शिक्षा के साथ देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शस्त्र की भी शिक्षा दी जाती है। लेकिन देश की आजादी के बाद देश की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनायें बखूबी कर रही हैं। जिसके बाद अखाड़ों के नागा सन्यासी अपने-अपने मठ मंदिरों में पूजा-अर्चना और धर्म के प्रचार प्रसार का ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि नागा सन्यासियों के लिए भी देश सर्वोपरि है और धर्म उसके बाद में है। ऐसे में अगर देश को जरुरत पड़ी तो सरकार के एक इशारे पर लाखों की तादात में नागा सन्यासी भी देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए कूच करेंगे। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने कहा है कि साधु संत शहीद सैनिकों की मृत आत्मा की शान्ति और उनके परिजनों को बल मिले। इसके लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ हनुमान चालीसा का भी पाठ कर रहे हैं ताकि देश की सेनाओं को हनुमान जी की तरह देश के दुश्मनों से मुकाबले के लिए शक्ति मिल सके। कहाकि 1962 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। जिसमें भारत को पराजय का मुंह देखना पड़ा था और चीन भारत के एक बड़े भूभाग पर कब्जा भी कर लिया था। जिसे आज अक्साई चीन के रुप में जाना जाता है। लेकिन आज स्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं। देश की सेनाओं के हौसले बुलंद और पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि चीन इस समय बौखलाया हुआ और विश्व गुरु बनने जा रहे भारत को अस्थिर करने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन हमारे देश की सेना चीन की सेना से किसी भी मायने में कमजोर नहीं है और उसके नापाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगी।

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