हरिद्वार के इलाहाबाद बैंक डकैती कांड का फरार 1 लाख का ईनामी बदमाश गिरफ्तार

Crime Haridwar

बद्रीविशाल ब्यूरो

हरिद्वार। धर्मनगरी में वर्ष 2004 के इलाहाबाद बैंक डकैती मामले में फरार चल रहे एक लाख के ईनामी डकैत को एसटीएफ ने तमिलनाडू से दबोच लिया। आरोपी का एक साथी वर्ष 2005 में हरिद्वार पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा जा चुका है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के अनुसार वर्ष 2004 में हरिद्वार में इलाहाबाद बैंक में बैंक डकैती पड़ी थी, जिसमें तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (वर्तमान पुलिस महानिदेशक) अभिनव कुमार ने सभी बैंक डकैतों के विरुद्ध ठोस कार्यावाही कराई गयी थी। जिसमें से एक बदमाश टीपू यादव इस घटना के लगभग एक माह बाद ही पुलिस मुठभेड़ में हरिद्वार पुलिस द्वारा मार गिराया गया था।

इस घटना में शामिल एक वांछित अपराधी उदय उर्फ विक्रांत पुत्र विंदेश्वर निवासी ग्राम खेरकैमा जिला पटना बिहार तब से लगातार फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपित के घर की कुर्की भी की, लेकिन इसकी गिरफ्तारी नहीं हो पायी थी। जिस पर पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड ने आरोपित पर 01 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया था।

मुखबिर की मदद से मिली सूचना पर एसटीएफ टीम ने डकैत को जनपद वेल्लोर, तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने घटना की जानकारी देते हुये बताया गया कि 17 दिसम्बर .2004 को इलाहाबाद बैंक हरिद्वार में 04 से 05 बदमाश तमंचे लेकर घुसे तथा सभी स्टॉफ को बन्धक बनाकर बैंक हॉल में कब्जे में ले लिया तथा हेड कैशियर व प्रबन्धक परिचालन को तमंचा दिखा कर चाबी लेकर बदमाश-कैश स्ट्रांग रूम मे गये तथा हेड कैशियर के केबिन से व स्ट्रांग रूम से नौ लाख इकसठ हजार नौ सौ पचास रुपये दो बैग में भरकर ले गये और जाने से पहले बदमाशों द्वारा सभी कर्मचारियों को बैंक के स्ट्रांग रूम में गेट बन्द कर दिया था।

इस घटना में शामिल इस गिरोह का सरगना मुख्य अभियुक्त टीपू यादव पुत्र स्व. प्रयाग यादव निवासी दिगहा, पटना, बिहार को हरिद्वार पुलिस ने घटना के लगभग एक माह बाद ही पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इस घटना में शामिल 04 अन्य आरोपियों को हरिद्वार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका था, परन्तु उदय उर्फ विकान्त तभी से फरार चल रहा था।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने हरिद्वार में बैंक डकैती की घटना से पहले बिहार में पटना क्षेत्र से एक व्यक्ति रविन्दर उर्फ अरविंद को फिरौती के लिये अपहरण किया था, जिसके बाद वह वर्ष 2004 में हरिद्वार आ गया था। यहां पर उसने जूस की ठेली लगायी और अपने साथियों के साथ इलाहाबाद बैंक में डकैती की योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया था। बैंक डकैती में अपने साथी टीपू यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पकड़े जाने के डर से अपना भेष बदलकर अपने भाई पवन कुमार के साथ विशाखापट्टनम में चला गया था। वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवन यापन करने लगा।

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