सच्चिदानंद गिरि बने जूना अखाड़े के महामण्लेश्वर

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हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में सनातन परम्परानुसार संत सच्चिदानंद गिरि को महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया। मायादेवी मन्दिर प्रांगण में दत्तात्रेय चरणपादुका पर महामण्डलेश्वर पदवी की पुकार की गयी। महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किए जाने से पूर्व अखाड़ों की परम्परानुसार सच्चिदानंद गिरि महाराज का मुण्डन संस्कार किया गया तथा पंच गुरूओं की उपस्थिति में उनको भस्मी चोला, कण्ठी, शिखा विच्छेद, गेरूआ वस्त्र, कौपीन धारण कराया गया। पंचगुरूओं में चारो ंमढ़ियांे के श्रीमहंत शामिल रहे। इस दौरान श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि तथा अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि, पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि सहित बड़ी संख्या में नागा साधुओं के अलावा श्रद्वालुगण मौजूद रहे। बुधवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में संत सच्चिदानंद गिरि राजस्थान को महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने नवनियुक्त महामण्डलेश्वर को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगामी कुम्भ मेला 2021 को लेकर अखाड़े की तैयारियां जारी है। विश्वव्यापी महामारी के कारण कुछ अवरोध आ रहे है, लेकिन सभी अवरोध को समाप्त करते हुए दिव्य और भव्य कुम्भ पर्व सम्पन्न होगा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरी ने मण्डलेश्वर सच्चिदानंद गिरि को आशीष देते हुए कहा कि अखाड़ा की परम्परा और भारतीय सनातन संस्कृति को मजबूत करने के कार्य को आगे बढ़ायेंगे। श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने कहा कि महामण्डलेश्वर पद अत्यन्त गरिमामय तथा महत्वपूर्ण होता है। इस पद पर तपोनिष्ठ एवं विद्वान साधु को ही अभिषेक किया जाता है। इनका दायित्व अखाड़ांे की परम्परा को सुरक्षित रखना तथा सनातन धर्म का पूरे देश में प्रचार प्रसार करना है। इस अवसर पर जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेशपुरी ,सचिव श्रीमहंत शेैलेन्द्र गिरि, कोठारी लालभारती, कारोबारी महंत महादेवानंद गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, थानापति परमानंद गिरि, थानापति विवेकपुरी, रणधीर गिरि, आजाद गिरि, पशुपति गिरि राजेन्द्र गिरि सहित बड़ी संख्या में नागा साधुआंे के अलावा श्रद्वालु मौजूद रहे।

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