पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रसीद मसूद के निधन पर समीर आलम ने जताया दुःख

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रुड़की/संवाददाता
सपा के यूथ के राष्ट्रीय सचिव एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष समीर आलम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सर्व समाज के कद्दावर नेता काजी रशीद मसूद के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हुए उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। साथ ही कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काजी रशीद मसूद एक नेक दिल व्यक्तित्व के साथ ही सर्व समाज के लोगों के प्रिय नेता थे, उन्होंने हमेशा हिंदू मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा दिया और सांप्रदायिकताओं के खिलाफ लगातार लड़ाइयां लड़ी। उन्होंने कहा कि 1990 का दशक हो या 1992 का। उन्होंने हमेशा हिंदू मुस्लिम एकता को बनाए रखने पर जोर दिया। आज अविभाजित सहारनपुर में उनके संरक्षण में अनेक नेताओं की एक लंबी फौज है, लेकिन वह भी कभी आत्मकेंद्रित नहीं रहे, उन्होंने हमेशा सभी कोआगे बढ़ाया और वह स्वयं भी उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने शोक संतृप्त परिवार को ढांढस बंधाया और अल्लाह ताला से उन्हें जन्नत अता फरमाने की दुआ की। उन्होंने बताया कि वह अकेले ऐसे नेता थे जो 8 बार लगातार सांसद रहे और इसके बाद केंद्रीय मंत्री रहे। इसके अलावा उन्होंने राज्यमंत्री और अन्य कई पदों को भी सुशोभित किया था। उनके आकस्मिक चले जाने से राजनीति के एक बड़े युग का अंत हो गया। जिनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।
वहीं उन्होंने हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे आरएलडी पार्टी के नेता जयंत चौधरी पर पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि भाजपा सरकार का यह घिनौना चेहरा उसे आगामी चुनाव में ले डूबेगा। क्योंकि आंदोलन करना और अपना हक मांगना संविधान में हर एक व्यक्ति का अधिकार है। लेकिन यूपी की सरकार आम आदमी को उससे यह अधिकार भी छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी पुलिस द्वारा बर्बरता की गई, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन बेलगाम हो गया है और उत्तर प्रदेश में जंगलराज की स्थिति है। यही नहीं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। उन्होंने हाथरस के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।

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