गंगा के पत्थरों से राखी बना रही स्पर्श गंगा की गीता

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हरिद्वार। स्पर्श गंगा अभियान की सदस्य रीता चमोली ने बताया कि इस बार रक्षा बन्धन में स्पर्श गंगा की बहनें भाइयों की कुशलता की कामना के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा कर रही हैं। साथ ही चाइनीज राखी का पूर्णतया बहिष्कार कर रही हैं। इसी कड़ी में स्पर्श गंगा अभियान से जुड़ी गीता कार्की गंगा के तटों में खूबसूरत चमकीले पत्थरों तथा परम्परागत पूजा अर्चना में प्रयुक्त किए जाने वाले कलावे से स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र बना रही हैं।
गीता कार्की गंगा स्वच्छता अभियान की जागरूकता के साथ वे निरंतर जुड़ी हैं। गंगा तटों पर सुनहरे नगीने से पत्थरों को राखियांे में नग के रूप में प्रयोग करने का उनका प्रयोग भावनात्मक है। उनका कहना है कि स्वदेशी तथा स्थानीय राखियां गंगा के पावन जल से निकले पत्थर नगीने से बचनाकर वह जहां स्वदेशी का संदेश दे रही हैक्। वहीं गंगा स्वच्छता अभियान से वह भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही हैं। कहाकि ये राखियां मां गंगा का स्पर्श भी हैं। सभी स्पर्श गंगा अभियान से जुड़े सदस्यों को वे इन राखियो को भेंट करेंगी, जिससे वे आने वाले राखी के त्यौहार में ये स्पर्श गंगा राखियां भाईयों की कलाई पर बहिन के प्यार के साथ साथ मां गंगा का स्पर्श भी दिला सके। रश्मि चौहान, कमला जोशी, बिमला ढोडियाल, मनु रावत, रेणु शर्मा, रजनी वर्मा, और सभी स्पर्श गंगा से जुड़ी मातृशक्ति स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र के कार्यक्रम के अंतर्गत 1100 राखियां बनाएगी। रजनीश सहगल, मनप्रीत, अंश मल्होत्रा, और आशु चौधरी स्पर्श गंगा रक्षा सूत्र कार्यक्रम में सहयोग कर रहे है और गंगा के तट से पत्थर एकत्रित करके मातृशक्ति को उपलब्ध करवा करे हैं।

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