गंगा तट पर योग का पूर्वाभ्यास;लाइव स्ट्रीमिंग में योग थीम पर किया योगाभ्यास 

Haridwar Health

*मन और शरीर के लिए अमृत समान है योग: डॉ स्वास्तिक सुरेश 

रिपोर्ट :- गणेश वैद

हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व आयोजित अभ्यास कार्यक्रम के अन्तर्गत दक्षिणेश्वर महादेव सती घाट के पावन तट पर भव्य योगाभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी हरिद्वार डॉ स्वास्तिक सुरेश और नोडल अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय के नेतृत्व में संचालित किया गया। कामन योगा प्रोटोकॉल के अनुरूप योग अभ्यास डॉक्टर नवीन कुमार दास और डॉक्टर अश्वनी कौशिक के नेतृत्व में योग अनुदेशक निकुंज उपाध्याय एवं निशा भट्ट द्वारा संपन्न किया गया। 

इस दौरान अश्वमेध हेल्थ एंड वैलनेस संस्थान की योगाचार्य एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ रुचिता उपाध्याय की उपस्थिति भी सराहनी रही। योग अभ्यास प्रारंभ करते हुए योगाचार्य निकुंज उपाध्याय ने कहा कि कहा, ‘‘योग सभी को एक सूत्र में पिरोता है और यह सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। योग के इस अंतर्निहित गुण के कारण विश्व समुदाय द्वारा इसकी स्वीकृति में लगातार वृद्धि हुई है। आज पूरी दुनिया योग को समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के अचूक साधन के रूप में स्वीकार कर रही है। आज सुबह  12 जून को आयोजित स्वस्थ मन और शरीर के आंदोलन मैं 50 से अधिक योग साधक सम्मिलित हुए। 

ऑनलाइन स्ट्रीमिंग से देवभूमि उत्तराखंड के समस्त जनपदों के योग साधकों ने कार्यक्रम का लाभ उठाया। योग साधिका रुचिता उपाध्याय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम  महिला सशक्तिकरण के लिए योग” है। योग महोत्सव 2024 का लक्ष्य योग के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे बताया कि योग महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक व्यापक उपकरण के रूप में कार्य करता है। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ स्वास्तिक सुरेश ने सभी योग साधकों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि ‘योग स्वस्थ मन और शरीर के लिए अमृत समान है। इस आयोजन में हम योग के प्रति उत्साही हजारों अन्य लोगों के साथ जुड़ेंगे और  एक ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां लोग बेहतर और गुणात्मक जीवन पाने के साथ एक नया, मजबूत और सकारात्मक भारत बनाने में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करेंगे। 

इस कार्यक्रम के सुचारू रुप से संचालन में डॉ एस के त्रिपाठी, डॉ सौरभ प्रकाश त्रिपाठी, डॉ वीरेंद्र रावत, डॉ आरती पाठक, डॉ रेनू सिंह, अजय वीर सिंह नेगी, सुदेश कुमार, प्रिंस कुमार, पवन चौहान, पंकज कुमार, केके तिवारी, राजेश गुप्ता, सुनील कुमार, अमित कुमार, अनारा देवी आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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