हरिद्वार। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन है। इसका असर पर्यावरण पर देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन की वजह से जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ था, वहीं गंगा नदी का जल पहले से 40-50 फीसद तक स्वच्छ हुआ है। लॉकडाउन की वजह से देश में कारखाने बंद हैं। इस वजह से गंगा की स्थिति में इतना सुधार देखा जा रहा है। इससे गंगा के आसपास रहने वाले लोग खुश नजर आ रहे हैं। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. व वैज्ञानिक बीडी जोशी ने बताया कि गंगा की स्थिति बेहतर होना शुरू हो गई थी, लेकिन इस लॉकडाउन ने गंगा की स्थिति को तेजी से बदल दिया। लॉकडाउन की वजह से कारखानें बंद हो गए हैं। बात यदि हरिद्वार की करें तो लॉकडाउन के कारण यहां यात्रियों की आवाजाही बंद हुई है। ऐसे मे ंगंगा स्नान व अन्य कृत्य बंद हो गए हैं। इसी के साथ सोलिड वेस्ट भी कम होने के कारण गंगा के जल कर गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि इसके साथ गंगा जल की गुणवत्ता में सुधार का एक बड़ा कारण और है वह है वायु प्रदूषण का कम होना। कारखानों का बंद होना व वाहनों की आवाजाही बंद होने से वायु में प्रदूषण काफीर कम हो गया है। वायु प्रदूषण का प्रभाव भी कहीं न कहीं गंगा के जल पर पड़ता था। इन सब कारणें के कारण गंगा जल प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है। क्योंकि गंगा में होने वाले कुल प्रदूषण में उद्योगों की हिस्सेदारी 10 फीसद तक होती है। इसके अलावा अन्य कारणों से प्रदूषण होता है। बताया कि मुझे लगता है कि गंगा पहले की तरह फिर से स्वच्छ हो सकती है। उन्होंने बताया कि इसका आंकलन करवाया जा रहा है। कुछ दिनों में इसके डेटा सामने आ जाएंगे। उसके बाद ही सटीक रूप से कहा जा सकता है कि गंगा जल के प्रदूषण में कितनी कमी आई है। वैसे फोरी तौर पर गंगा के जल में प्रदूषण काफी कम हो गया है।