हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मेला अधिकारी दीपक रावत, मेला एसएसपी जन्मेजय खण्डूरी से बुधवार को वार्ता कर मेले से संबंधित कार्य शीघ्र पूरे करने की मांग की। इस दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि 2021 में संपन्न होने वाले महाकुंभ के शुरू होने में समय लगातार कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों में जहां महाकुंभ के आयोजन को लेकर तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। वहीं मेला प्रशासन के स्तर पर तैयारियां बेहद धीमी हैं। हाईवे का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग यातायात का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। महाकुंभ मेले में स्नान के लिए आने वाले अधिकांश श्रद्धालु सड़क मार्ग से ही हरिद्वार पहुंचेंगे। यदि हाईवे व पुलों का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाया तो संतों व श्रद्धालुओं को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
कहा कि 2020 में अक्टूबर माह से छावनियां लगाने के लिए देश भर से संत हरिद्वार पहुंचना शुरू हो जाएंगे। इसके लिए सभी अखाड़ों में तैयारियां की जा रही है। लेकिन अखाड़ों को छावनियां लगाने के लिए भूमि आवंटन का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि धर्मनगरी में भूमिगत बिजली लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इन निर्माण कार्यांे को भी महाकुंभ मेला देखते हुए जल्द से जल्द पूरा कराना चाहिए। मेले की दिव्यता को लेकर हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों का सौन्दर्यकरण तेजी के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों आश्रम अखाड़ों के सौन्दर्यकरण के कार्य तेजी से लागू किए जाएं। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से लगातार वार्ता कर रहे हैं। महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न कराने की तैयारियां जोरो शोरों से की जा रही हैं। विकास कार्य तेजी के साथ पूरे किए जाएंगे। हाईवे, बिजली की भूमिगत लाईनें, फ्लाईओवर सहित निर्माण जल्द से जल्द पूरे किए जाएंगे। महाकुंभ मेले में कोई विघ्न उत्पन्न ना हो इसको लेकर मेला प्रशासन के अधिकारियों से समय समय पर संज्ञान लिया जा रहा है। महाकुंभ मेले की दिव्यता व अद्भूतता को लेकर सरकार रणनीति के तहत अपने कार्यांे को अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मठ मंदिरों आश्रम अखाड़ों के साथ साथ पौराणिक सिद्ध पीठ मंदिरों की भव्यता को लेकर सरकार को गंभीर रूप से सोचना चाहिए।