हरिद्वार। महाकुंभ में पहली बार लोक प्रसिद्ध गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान द्वारा गौ महिमा को भारतीय जनमानस में उन्हें स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गौ ऋषि स्वामी दत्त शरणानंद महाराज, गौवत्स राधा कृष्ण महाराज, महंत रविंद्रानंद सरस्वती महाराज, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने संयुक्त रुप से किया। इससे पूर्व आयोजित प्रेस वार्ता में स्वामी रविंद्रानंद सरस्वती महाराज ने महोत्सव की जानकारी दी। बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुआंे को समाप्त करता है। गौ पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गौ पंचगव्य की विशेषताएं बताई। साथ ही कहा कि वर्तमान युग में हम गाय से जितना दूर हो गए हैं उतना ही अधिक हमें रोगों ने घेर लिया है। कहा कि जो अमेरिका कभी गाय के गोमूत्र को वेस्टेज मानता था वह आज उसे बेस्ट मानता है और गोमूत्र का पैटर्न कराने का प्रयास भी अमेरिका द्वारा किया जा रहा है। जबकि हमारे सनातन धर्म में गाय को माता बताया जाता है। और गो पंचगव्य का प्रयोग अनादि काल से किया जा रहा है।
उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पंडित राजेंद्र अंथ्वाल ने बताया कि उन्होंने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य वर्तमान में गौवंश से हुई दूरी को कम करना है। गौवत्स राधा कृष्ण महाराज ने बताया कि 14 से 21 अप्रैल तक महोत्सव में राम चरित्र मानस सुबह 9 बजे से और शाम 8 बजे से गौ संकीर्तन किया जाएगा। महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर गो ऋषि दत्त शरणानंद महाराज पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ राजस्थान से, महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर उमाकांतानंद सरस्वती, गोवत्स राधा कृष्ण महाराज, कृष्णानंद महाराज, स्वामी निरंजन सतनाम साक्षी के संत उपस्थित रहे।