हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के प्रकाश में जो संकल्प नवंबर 2021 में हमने लिया था वह आज पूरा हो रहा है। लाभ में चलने वाला अलकनंदा अतिथि गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित हो रहा है, वहीं नया अतिथि गृह भागीरथी उत्तर प्रदेश को उपलब्ध करवाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य गठन के 21 साल बाद भी परिसंपत्तियों के विवाद नहीं सुलझे। स्थिति यहां तक पहुंची कि मामले न्यायालय तक पहुंचे और न्यायालय को कठोर टिप्पणी करनी पड़ी, लेकिन उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सरकार ने दशकों की समस्या का समाधान किया है। उन्होंने कहाकि लाभ मंें चलने वाला अलकनंदा आवास गृह आज उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड को समर्पित किया है। वहीं भागीरथी उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। इसके पीछे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार का 4 साल पहले हुआ वह समझौता है, जिसकी पहल त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहाकि अलग-अलग सरकारों के चलते दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के विवाद नहीं सुलझे, मगर ट्रिपल इंजन की सरकार आते ही इन सभी विवादों का समाधान 20 मिनट में हो गया। नवंबर 20-21 में 95 प्रतिशत विवाद सुलझ गए थे। 5 प्रतिशत का भी जल्दी समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहाकि वन विकास निगम तथा परिवहन निगम की राशि उत्तराखंड सरकार को उत्तर प्रदेश ने तभी हाथ के हाथ उपलब्ध करा दी थी। आज अलकनंदा अतिथि गृह उत्तराखंड को मिल गया है। बनबसा, किच्छा तथा नानकमत्ता का बैराज शीघ्र ही उत्तराखंड के स्वामित्व में आ जाएगा। वहीं नहरों को रेगुलेट करने वाले कई हेड वर्क्स उत्तर प्रदेश के अधीन हो जाएंगे।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि राज्य भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों राज्यों की सोच, संस्कृति और भावना एक है। ऐसे में दोनों राज्य मिलकर क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन की संभावनाओं का मिलकर विकास करेंगे।