हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जब बेहद जहरीले प्रजातियों में से एक रसेल वाइपर स्नेक रिहायशी इलाके में दिखाई दिया। जिसकी सूचना तत्काल स्नेक मैन रईस को दी गई। मौके पर पहुंचे रईस ने चंद मिनटों में ही रसेल वाइपर को रेस्क्यू कर लिया। जिसके बाद सांप को वन प्रभाग को सौंपा गया। वन विभाग की टीम ने सांप को श्यामपुर के जंगलों में छोड़ा।
बता दें कि रसेल वाइपर स्नेक को कोबरा से भी खतरनाक माना जाता है। जिसके डसने से कुछ मिनट में ही इंसान मौत के आगोश में समां जाता है। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब बेहद जहरीले प्रजातियों में से एक रसेल वाइपर स्नेक रिहायशी इलाके में दिखाई दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे रईस ने चंद मिनटों में ही रसेल वाइपर स्नेक को रेस्क्यू कर लिया। जिसके बाद सांप को वन प्रभाग को सौंप दिया गया। स्नेक मैन रईस ने बताया कि रसेल वाइपर स्नेक काफी खतरनाक होता है। रईस को सूचना मिली थी कि ऋषिकुल क्षेत्र में एक अजीब सी आवाज करने वाला सांप निकल आया है। लाल रंग का यह सांप काफी आक्रामक लग रहा है। रईस को यह समझते देर नहीं लगी की रसेल वाइपर स्नेक निकल आया है और वो तत्काल मौके पर पहुंचे और सांप को रेस्क्यू किया। रईस अभी तक अलग-अलग खतरनाक प्रजातियों के 50 से अधिक सांपों को पकड़ चुके हैं। पेशे से कबाड़ी का काम करने वाले रईस को सांप पकड़ने का बीते कई सालों से अनुभव है। ज्वालापुर क्षेत्र में रईस स्नेक मैन के नाम से मशहूर हैं। कहीं भी यदि कोई सांप निकलता है तो लोग सबसे पहले रईस को फोन करके इसकी सूचना देते हैं।