हरिद्वार। कावड़ यात्रा के शुरू होते ही धर्मनगरी हरिद्वार शिव भक्तों की आस्था और भोले नाथ के जयकारों से गूंज उठी है। उसी आस्था के साथ बुलंदशहर निवासी श्रवण और राजेश अपने दिव्यांग भाई रमेश और मां सावित्री देवी को पालकी में कांवड़ यात्रा कराकर सेवा करने का संदेश दे रहे हैं।
बता दें कि 11 जुलाई को हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल भरकर पालकी में दिव्यांग भाई और अपनी वृद्ध मां को बैठा लिया। इसके बाद दोनों भाई अपने दिव्यांग भाई और वृद्ध मां को पालकी से कंधे पर उठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर तक की यात्रा पर निकल गए। आज दोनों भाई रुड़की के मंगलौर पहुंचे, जहां पर उन्होंने विश्राम किया।
हरिद्वार से बुलंदशहर की दूरी 250 किलोमीटर है। लेकिन भगवान शंकर के प्रति दोनों भाइयों की आस्था ने दिव्यांग भाई और बूढ़ी मां की सेवा का संदेश दिया है। श्रवण ने बताया कि पिछली बार जब वो कांवड़ लेकर आए थे तो उन्होंने हरियाणा के एक लड़के को उसके माता-पिता को इसी तरह ले जाते हुए देखा था। तभी सोच लिया था कि वो अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराएंगे।