उम्रकैद के साथ एक लाख अस्सी हजार का लगाया जुर्माना
बच्ची की मां को बीस साल की सजा, वालीस हजार जुर्माना
हरिद्वार। शुक्रवार को न्यायालय ने आठ वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने और पॉक्सो एक्ट के मामलें में विशेष जज पॉक्सो कोर्ट अर्चना सागर ने आरोपी चार युवकों को दोषी करार दिया है। पॉक्सो कोर्ट ने दोषी युवकों को उम्रकैद और एक लाख अस्सी हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता आदेश कुमार चौहान ने बताया कि सिडकुल क्षेत्र में एक आठ वर्षीय बच्ची से चार युवकों ने दुराचार किया था। आरोपियों पर मासूम बच्ची से बारी-बारी से दुष्कर्म करने का खुलासा हुआ था। मासूम बच्ची ने चारों आरोपियों की शिनाख्त भी की थी। पीडि़त बच्ची ने पुलिस पूछताछ में अपनी मां पर भी गम्भीर आरोप लगाए थे। स्थानीय पुलिस ने बच्ची के परिजनों की लिखित शिकायत पर आरोपी फुल्लू पुत्र सुमेर सिंह, माठु पुत्र रामसिंह, जसबीर सिंह उर्फ छोटू पुत्र महेंद्र व पप्पन पुत्र हुक्म सिंह निवासी गण ग्राम औरंगाबाद थाना सिडकुल हरिद्वार और उसके माता-पिता के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट का मुकद्मा दर्ज कराया था। मामलें में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने केस की विवेचना कर पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थीं। पॉक्सो कोर्ट ने चारों आरोपियों पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट का आरोप तय किए थे। सरकारी पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए। पॉक्सो कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य व दलीलें सुनने के बाद चारों दोषी फुल्लू, माठु, पप्पन व जसबीर उर्फ छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ न्यायालय ने पीडि़त बच्ची की मां को 20 वर्ष की कैद व चालीस हजार जुर्माने की सजा सुनायी है। आरोपी मां को गलत काम करने के लिए उकसाने को दोष साबित हुआ। जबकि पीडि़त बच्ची के पिता को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। विशेष जज पॉक्सो कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्भया फण्ड से पीडि़त मासूम बच्ची को आर्थिक सहायता के रूप में तीन लाख रुपये प्रतिकर देने के निर्देश दिए हैं।