बागेश्वर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के घिरोली गांव के एक घर के अंदर बंद कमरे में दलित महिला व उसके तीन बच्चों के शव मिलेे है। मृतका का पति गायब है। शव लगभग सप्ताह भर पुराने हैं। दुर्गंध उठने से गुरुवार शाम घटना का पता चला। रात में पहुंची पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया। अब पोस्टमार्टम कराने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
बागेश्वर जिले के कोतवाली बागेश्वर थाना क्षेत्र के समीपवर्ती गांव घिरौली, जोशीगांव में एक घर में महिला और तीन बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला मान रही है, क्योंकि कमरा अंदर से बंद था। लेकिन हत्या से भी इनकार नहीं किया है। वहीं महिला का पति दस मार्च से लापता बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घिरोली जोशीगांव के कुछ युवकों को एक घर से भीषण दुर्गंध आती महसूस हुई। उन्होंने देहरादून में रहने वाले मकान मालिक गोविंद बिष्ट और पुलिस को फोन से सूचना दी। सूचना के बाद पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी और एसडीएम हरगिरी दलबल के साथ मौके पर गए। पुलिस ने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो भीतर से कुंडी लगी थी। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया। भीतर चार लाशें देखकर पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। एक बिस्तर में महिला का शव पड़ा था। जबकि उससे कुछ दूरी पर अलग-अलग जगह तीन बच्चों के शव थे। सीओ कंडारी ने बताया कि मरने वालों में मृतका नंदी पत्नी भूपाल राम के अलावा बेटी 13 साल की अंजलि, बेटा सात साल का कृष्णा तथा डेढ़ साल का भाष्कर शामिल है।
होली के दिन से नहीं दिखा परिवार
ग्रामीणों के अनुसार जिस मकान में घटना हुई है, वह गांव के किनारे है। इस कारण वहां लोगों का आना-जाना कम ही होता है। ग्रामीणों ने बताया कि छलड़ी के दिन आठ मार्च से परिवार का कोई सदस्य नहीं दिखाई दिया। परिवार का मुखिया भूपाल राम मजदूरी और गाजे-बाजे का काम करता था। बताया जा रहा है कि उस पर काफी कर्ज भी था। मूल रूप से कपकोट के शामा क्षेत्र का रहने वाला है। भूपाल राम के विरुद्ध 10 मार्च को ठगी का मुकदमा स्थानीय निवासी सीमा देवी ने कोतवाली में दर्ज कराया है। बागेश्वर के पुलिस उपाधीक्षक अंकित कंडारी ने बताया कि शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच की जा रही है।