नैनीताल। रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल के खिलाफ पद के दुरुप्रयोग मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमे मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव शहरी विकास को अवमानना का नोटिस जारी कर आदेश का अनुपालन करने को कहा है। इसके साथ ही उन्हें 13 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को भी कहा है।
आपको बता दें कि पूर्व में हाईकोर्ट ने रुड़की के मेयर गौरव गोयल के खिलाफ कार्यवाही करने के प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे। जिसमे नगर निगम एक्ट की संसोधित धारा-16 के अंतर्गत दो माह के भीतर जांच करके कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे लेकिन, आज तक मामले में मेयर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद रुड़की निवासी अमित अग्रवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल ने अपने पद का दुरुप्रयोग किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन्होंने किसी भूमि की लीज बढ़ाने के एवज में 25 लाख रुपये फोन करके मांगे और इनकी आवाज को रिकॉर्ड कर लिया। बाद में इनकी आवाज का वॉइस सैंपल फॉरेंसिक लैब भेजा गया और फॉरेंसिक लैब की जांच में सही पाया गया।
इसके अलावा याचिकाकर्ता अमित अग्रवाल ने एक अन्य आरोप का हवाला देते हुए बताया कि मेयर ने अपनी एक महिला कर्मचारी के पति को झूठे केस में फंसाया था। बाद में उस पर दवाब डालकर कर कहा कि यह केस तभी वापस लूंगा, जब वह उनके साथ संबंध बनाएं। पुलिस ने इस केस में मेयर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी। निचली अदालत ने इस रिपोर्ट को निरस्त कर दोबारा से जांच करने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता का कहना है कि मेयर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। इसकी शिकायत सरकार से भी की गई। लेकिन अभी भी वह पद पर बरकरार है।