देहरादून। सरकार की वित्तीय सेहत के लिए शराब कितनी है इस बात का खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ। जिसमे राज्य गठन के बाद से अब तक शराब से सरकार को मिलने वाले प्रतिवर्ष राजस्व में 22 गुणा की बढ़ोतरी देखने को मिली। इन आंकड़ों से कई और भी रोचक तथ्य सामने आए हैं।
काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट नदीम उद्दीन ने इस बाबत आयुक्त कर कार्यालय से प्रदेशभर में शराब पर वसूले गये टैक्स (राजस्व) की सूचना मांगी थी। जिसके जवाब में राज्य कर मुख्यालय देहरादून के लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त दीपक बृजवाल ने 2020-21 से 20022-23 (जनवरी 2023 तक) के शराब से प्राप्त कर राजस्व की धनराशियों की सूचना उपलब्ध करायी है। जबकि 2001-02 से 2020-21 तक राजस्व की सूचना पहले ही उन्हें उपलब्ध करायी जा चुकी है।
उपलब्ध सूचना के आधार पर वर्ष 2001- 02 से 20022-23 (जनवरी 2023 तक) टैक्स के रूप में सरकार को कुल राजस्व 2648.1 करोड़ रू. का मिला। वर्षवार मिले आंकड़ों के मुताबिक राज्य गठन के बाद पहले वित्तीय वर्ष 2001-02 में शराब बिक्री से सरकार को रू.15.90 करोड़ राजस्व के रूप में प्राप्त हुए थे,जबकि वर्तमान वर्ष 2022-23 का कुल टैक्स राजस्व रू. 361.05 करोड़ सरकार को प्राप्त हुआ जो कि पहले की तुलना में करीब 22 गुणा अधिक है।
इतना ही नहीं प्राप्त आंकड़ों में कई रोचक तथ्य है। जिनमे चौकानेे वाली बात यह हैै कि वर्ष 2020-21 में कारोना काल में 2019- 20 की तुलना में 39 करोड़ रूपये अधिक टैक्स वसूला गया है। इसके अतिरिक्त
पिछले वर्ष 2021-22 में 12 महीने में वसूले टैक्स की तुलना में वर्तमान (2022-23) के 10 माह में वसूला टैक्स 15 करोड़ रुपए अधिक है। ऐसे ही 2001-02 में शराब बिक्री से वसूला गया 15.9 करोड़ टैक्स 2006-07 में बढ़कर दुगने से अधिक 31.79 करोड़ रूपये हो गया तथा 2008-09 में तिगुने से अधिक 50.58 करोड़ तथा 2010-11 में पांच गुने से अधिक 83.98 करोड़ तथा 2014-15 में छः गुने से अधिक 100.55 करोड़ हो गया।
वर्ष 2015-16 में यह 2001-02 की तुलना में 9 गुने से अधिक 2017-18 में 11 गुने से अधिक 185.72 करोड़, 2018-19 में 13 गुने से अधिक 219.76 करोड तथा 2020-21 में 16 गुने से अधिक 268.43 करोड तथा 2021-22 में 21 गुने से अधिक 345.43 करोड तथा 2022-23 में जनवरी 23 तक ही 22.7 गुणा होकर 361.05 करोड़ हो गया।