हरिद्वार। देवपुरा आश्रम के महंत दर्शन सिंह शनिवार की रात्रि ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने रात्रि एक बजे अंतिम संास ली। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गयी है। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके शिष्य महंत गुरमीत सिंह ने उन्हें मुखाग्नि प्रदान की। कनखल शमशान घाट पर बड़ी संख्या में संतजन व शहर के गणमान्य लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह एक दिव्य संत थे। उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्प सभी को समाज सेवा की प्रेरणा देते हैं। धर्म व सेवा क्षेत्र में उनका अनुकरणीय योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व श्रीमहंत रामरतन पुरी महराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह ने सदा गरीब, असहाय लोगों की मदद की और गरीब निर्धन कन्याओं के विवाह कराए। उनके जाने से संत समाज को गहरा आघात लगा है। स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की। युवा संतों को उनके कार्यो से प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत दामोदर दास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनके निधन से संत समाज को जो क्षति हुई है। निकट भविष्य में उसकी पूर्ति संभव नहीं है। महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि संत का जीवन सैदव परोपकार को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह परोपकारी संत थे। उन्होंने सदैव समाज का मार्गदर्शन किया। महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी महादेव महाराज, स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, महंत प्रेमदास, बाबा हठयोगी, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी हरिहरानन्द, स्वामी राजेंद्रानन्द, स्वामी शिवानन्द, महंत रामशरण दास, महंत शिवशंकर गिरी, श्रीमहंत विनोद गिरी, श्रीमहंत प्रेमगिरी, महंत गंगादास, महंत अमनदीप सिंह, महंत खेमसिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत श्यामप्रकाश, महंत दिनेश दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत निरंजन दास, महंत कमलदास, महंत जगदीशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी संतोषानन्द, महंत कौशलपुरी, स्वामी आशुतोष पुरी, महंत रामलखन गिरी, महंत रविन्द्रपुरी सहित सभी संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें महान संत बताया।