हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय में नववर्ष में प्रथम सुवर्ण प्राशन शिविर का सोमवार को आयोजन किया गया। जिसमें अविभावकों ने उत्साहपूर्वक अपने बच्चों का सुवर्ण प्राशन कराया। इस अवसर पर जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के लगभग 250 बच्चों का सुवर्ण प्राशन कराया गया।
सुवर्ण प्राशन के संबंध में आयुर्वेदिक कालेज की बाल रोग विशेषज्ञ डात्र रीना पाण्डेय ने बताया कि सुवर्ण प्राशन बच्चों को शरीरिक व मानसिक बल प्रदान करता है। बताया कि शास्त्रों के मुताबिक इस दवा का पीने का अत्यधिक लाभ केवल पुष्य नक्षत्र में दवा पिलाने से ही होता है। कहाकि इस दवा के सेवन से बच्चों को जहां यारीरिक व मानसिक विकास होता है। वहीं यह दवा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो रही है। बताया कि अभी तक सुवर्ण प्राशन का सेवन करने वाले बच्चों का स्वास्थ्य अन्य बच्चों से काफी अच्छा पाया गया। डा. पाण्डेय ने बताया कि सुवर्ण प्राशन को सेवन कराने वालों की संख्या में प्रतिमाह वृद्धि हो रही है। अब अगला शिविर पुष्प नक्षत्र पर 8 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने शून्य से 16 वर्ष तब के बच्चों के अभिवावकों से फरवरी माह में अधिक से अधिक संख्या में आकर अपने बच्चों को सुवर्ण प्राशन कराने का अनुरोध किया। कहाकि बच्चे कल का भविष्य है। यदि बच्चे स्वस्थ रहेंगे तो देश का भविष्य भी अच्छा होगा। बच्चों व देश के उज्ज्वल भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र में इस दवा को सेवन करवाया जाता है। कहाकि अभिभावक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से अपने बच्चों को सुरक्षा प्रदान करें।