हरिद्वार। पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात आज भगवान श्री राम लल्ला अपने भव्य व दिव्य मंदिर में पधार गए। भगवान की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद जहां समूचे देश में उत्सव का माहौल रहा, वहीं तीर्थनगरी हरिद्वार भी इस उत्सव के आनन्द से अछूती नहीं रही। जगह-जगह भगवान राम के प्रतिष्ठापित होने की खुशी में तीर्थनगरी का कण-कण मानो राममय हो गया हो। चहुं और भगवान श्रीराम के जयघोष से तीर्थनगरी गुंजायमान रही।
करीब पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष और लाखांे बलिदानों के बाद आज भगवान श्रीराम लल्ला अपने भव्य व दिव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हुए। भगवान में मंदिर में प्रतिष्ठित होने और प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद से ही तीर्थनगरी में जगह-जगह उत्सव मनाया जाने लगा था। तीर्थनगरी में जगह-जगह सजावट की गई, किन्तु बीते दो दिनों से तीर्थनगरी पूरी तरह से जगमगा उठी। दुल्हन की तरह सजी तीर्थनगरी से चहुं ओर जय श्रीराम के जयघोष सुनाई दे रहे थे। लगातार शोभायात्राएं निकालने का क्रम अनवरत जारी रहा।
सोमवार को भी प्रातः से ही तीर्थनगरी में उत्सव व उल्लास का माहौल रहा। प्रातः गली-मोहल्लों, घरों, देवालयों, आश्रम-अखाड़ों में कहीं सुन्दर कांड़ पाठ का आयोजन किया गया तो कहीं सामूहिक श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। कई स्थानों पर अखण्ड राम चरित मानस के पाठ के आयोजन हुए। कई स्थानों पर श्री राम धुन के स्वर सुनाई दिए।
इतना ही नहीं भगवान श्री राम के आने की खुशी में समूचे शहर में दीपावली जैसा उत्सव मनाया गया। जैसे की प्राण प्रतिष्ठा हुई वैसे ही तीर्थनगरी आतिशबाजी से गुंजायमान हो गई। भगवान के आगमन की खुशी में जगह-जगह मिष्ठान बांटकर खुशी मनाई गई तथा एक-दूसरे को बधाई दी गई। कई स्थानों पर भण्डारे का आयोजन किया गया।
प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात कनखल स्थित श्री दरिद्रभंजन महादेव, श्री राधा कृष्ण मंदिर, श्री राम मंदिर, हनुमान मंदिर, गंगाघाटों पर विशेष आयोजन किए गए व शोभायात्रा निकाली गई। लोगों के उत्साह व उल्लास के कारण समूची तीर्थनगरी ऐसी प्रतीत हो रही थी, मानो यहां का कण-कण राममय हो गया हो।