हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग द्वारा आयोजित देवर्षि नारद जयंती समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में आरएसएस के प्रांत प्रचारक डा शैलेंद्र जी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की पत्रकारिता में भी देवर्षि नारद से प्रेरणा लेने की जरूरत है। मीडिया के बदलते स्वरूप को हमे चुनौती के रूप में लेने की जरूरत है। प्रिंट मीडिया, टीवी मीडिया और सोशल मीडिया का स्वरूप हमने देखा है और आगे 5G/ 6G के इंटरनेट के दौर में ये चुनौतियां और भी सामने आने वाली हैं।
डा शैलेंद्र ने कहा कि 2013 के बाद दुनिया भर में भारत को एक नया सम्मान मिल रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और अरब देशों में भारत के त्योहार वहां के राष्ट्रध्यक्ष के कार्यालयों में मनाए जा रहे हैं। हमारे मंदिर, सांस्कृतिक केंद्र वहां सक्रिय होकर दुनिया नया संदेश दे रहे हैं। भारत के जीवन मूल्य दुनिया में स्वीकार किए जा रहे हैं। योग, आर्युवेद, अध्यात्म की तरफ दुनिया खिंची चली आ रही है। प्रांत प्रचारक ने बताया कि कैसे दूसरे देशों में सनातन संस्कृति का बोलबाला रहा और आज भी कई देशों में हमारी संस्कृति को स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि वहां के लोग भारत में मिलना चाहते हैं। वहां की हालत क्या हो गई किसी से छिपी नहीं है। भुखमरी के हाल पर वहां के लोग पहुंच गए हैं। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना होगा। पुरानी बातें, पुराने संस्कारों को नई पीढ़ी को नए रूप में ढालकर देने की जरूरत है, जिसमें मीडिया को बड़ी भूमिका निभाने की जरूरत है।
इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार रजनीकांत शुक्ला ने नारद के विषय में जानकारी दी। प्रेस क्लब हरिद्वार के अध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि देवऋषि नारद जयंती के कार्यक्रम अब जनसंचार विश्वविद्यालयों के परिसर में ही होंगे, इससे नई पीढ़ी को नया अनुभव मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डा दिनेश शास्त्री ने सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर विभाग प्रचारक अनिल गुप्ता, सेवा प्रमुख वीर प्रताप चौहान,अमित चौहान,आदित्य,अभिषेक,अमित शर्मा, विवेक कंबोज, विभाग प्रचारक चिरंजीव जी, जिला प्रचारक जगदीश,आयोजन समिति के डॉ. प्रविंद्र सिंह, डॉ. रूपेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार बीबी चंदेला, पंकज चौहान,विनय सैनी,करणसिंह चौहान,गनपत सैनी,प्रवीण कुमार, सचिन पालीवाल,अर्पित अग्रवाल,उमेश कुमार आदि मौजूद रहे।