बद्रीविशाल ब्यूरो
ऋषिकेश। नगर निगम पर मानकों को ताक पर रखकर आवश्यकता से अधिक लाईट खरीदी का आरोप लगाते हुए उत्तराखण्ड जन विकास मंच ने सरकार से दोषियों से वसूली एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
आज गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने निगम के ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि नगर निगम ऋषिकेश ने मानकों को ताक पर रखकर 70 वाट की आवश्यकता से अधिक (1.31 करोड़ रूपये की) विद्युत लाइटों की खरीद की। जबकि नियम 35 के अनुसार 2.5 लाख से अधिक मूल्य की सामग्री के क्रय एंव निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की जाती है। हालांकि मामला वर्ष 2021-22 वित्तीय वर्ष का बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ऋषिकेश की लेखा परीक्षा में पाया गया कि निगम ने बिना ब्रांड की 3000 लाईट की खरीद की, जिसकी कुल कीमत 1.31 करोड़ रूपये है। आरोप है कि निगम ने सिस्का, हेवल्स व ओरियंट जैसी ब्रांडेड कम्पनियों को छोड़कर अनब्राडेंड मैसर्स एलोग्रीन की लाइटों की खरीद की जबकि एलोग्रीन कंपनी की लाइटों की कीमत ब्रांडेड कंपनियों की कीमत से भी कई ज्यादा है। ऐसे में एलोग्रीन कंपनी को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से ऐसा किया गया,जिसमें स्पष्ट घोटाले की बू आती है। जिसका उत्तराखण्ड विकास मंच विरोध करता है और सरकार से मांग करता है कि दोषियों से मय ब्याज के वसूली कर दोषियों पर उचित कानूनी कार्यवाही करें।
उन्होने कहा कि ऋषिकेश के विकास में लगने वाला धन बाहरी राज्य की फर्मों को देना एक प्रकार से खुली लूट है। पत्रकार वार्ता के दौरान सुधीर राय, रुकम पोखरियाल आदि मंच से जुड़े कई लोग मौजूद रहे।