हरिद्वार। क्रिकेट प्रतियोगिताओं में उत्तराखण्ड की क्रिकेट टीम का निराशाजनक प्रदर्शन क्रिकेट एसो. ऑफ उत्तराखण्ड तथा क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार की चयन प्रणाली और खिलाडि़यों को तराशने के लिए किए गए कार्यों पर सवालिया निशान खड़े करता है। क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार क्रिकेट की प्रतिभाओं को खोजने में नाकामयाब रही है। उक्त बात शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए विजय हजारे व रणजी के पूर्व खिलाड़ी रहे रोहन सहगल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। उन्होंने कहाकि बीसीसआई के इस सीजन में अण्डर 14 से लेकर अण्डर 23 व सैय्यद मुस्ताक अली, विजय हजारे व रणजी ट्राफी में उत्तराखण्ड की क्रिकेट टीम द्वारा सात मैचों का हारना क्रिकेट एसो. ऑफ उत्तराखण्ड तथा क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार की खिलाडि़यों के चयन व प्रतिभाओं को निखारने के कार्य पर प्रश्न चिह्न लगाता है। उन्होंने कहाकि क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार अभी तक सात खिलाड़ी भी ऐसे प्रदेश को नहीं दे पायी जिन्होंने टीम में स्थान बनाया हो। उन्होंने कहाकि क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार प्रतिभाओं को खोजने में नाकामयाब रही है। हरिद्वार व प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। केवल कमी इस बात की है। प्रतिभाओं को निखारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। श्री सहगल ने कहाकि क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार के सचिव इन्द्रमोहन बर्डथवाल अपनी क्रिकेट एकेडमी चला रहे हैं। ऐसे में दूसरी एकेडमी के बच्चों को टीम में स्थान मिले इसकी कल्पना करना भी बेमानी होगा। श्री सहगल ने कहाकि क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार को मान्यता मिले चार वर्ष हो गए हैं, किन्तु आज तक उन्होंने पूर्व के खिलाडि़यों से सहयोग की बात नहीं की। कहाकि स्वंय की महत्वाकांक्षा के चलते प्रतिभाओं का कैरियर समाप्त किया जा रहा और उन्हें बाहर किया जा रहा है। उन्होंने क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार को सलाह देते हुए कहाकि वे प्रतिभा को तलाशने का कार्य करें। कहाकि हरिद्वार में चार सालों मे अभी तक कोई टर्फ विकेट नहीं बन पाया। उन्होंने कहाकि हाल ही में हुए खिलाडि़यों के रजिस्ट्रेशन में भी पक्षपात किया गया। साथ ही पूरी प्रक्रिया अव्यवस्थाओं भरी रही। उन्होंने कहाकि उत्तराखण्ड की टीम रणजी मैचों में 9 में से 7 मैच हारकर एलिट ग्रुप में सबसे पीछे रही है। जो कि क्रिकेट एसो. ऑफ उत्तराखण्ड तथा क्रिकेट एसो. ऑफ हरिद्वार पर सवालिया निशान है।