बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। पीएम विश्वकर्मा योजनान्तर्गत जनपद के पारम्परिक शिल्पकारों एवं कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके कौशल विकास हेतु प्राथमिकता से कार्य करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने जिला कार्यालय सभागार में पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक लेते हुए दिये।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के पारम्परिक शिल्पकारों एवं कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके कौशल विकास हेतु प्राथमिकता से कार्य किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में ही कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये। उन्होंने निर्देश दिये ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लक्सर, भगवानपुर, रूड़की आदि क्षेत्रों में कौशल विकास केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाये। प्रशिक्षण तथा योजना के बारे में ग्रामीणाों को जगरूक किया जाये, जो भी ग्रामीण कम पढ़े-लिखे हैं, उनके आवेदन ऑनलाइन कराने में मदद की जाये।
बताया कि जो भी ग्राम पंचायते ऑनबार्ड नहीं हो पाई है, उनकी कारण सहित रिपोर्ट महाप्रबन्धक उद्योग को उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने स्टेज वन स्तर पर लम्बित आवेदन पत्रों का सत्यापन कार्य ग्रामीण स्तर पर पंचायतीराज तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा और शहरी क्षेत्रों में सम्बन्धित निकाय द्वारा कराया जाये। स्टेज-2 पर लम्बित आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्र में महाप्रबन्धक उद्योग द्वारा कराया जाये। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि जो भी लम्बित आवेदन हैं, उनका समय से व सही ढं़ग से सत्यापन किया जाये।
बैठक में महाप्रबन्धक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजनान्तर्गत 55 ग्राम पंचायतें ऑनबोर्ड नहीं हो पाई हैं। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत ट्रेनिंग हेतु 3033 व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया है तथाा 1459 व्यक्ति टूल किट हेतु चिन्हित किये गये हैं। प्रशिक्षण हेतु 4 केन्द्र संचालित हैं। जिसमें 33 बैच में 918 व्यक्तियों को विभिन्न ट्रेड में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, महाप्रबन्धक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी, एलडीएम संजय सन्त, खण्ड विकास अधिकारी जयेन्द्र भारद्वाज, आलोक सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।