*बाजारों,तंग गलियों में भी बेरोकटोक आवागमन।
बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। शहर से देहात तक फैला ई रिक्शाओं के जंजाल ने शहर की सूरत ही बिगाड़ कर रख दी। आलम यह है कि जिधर नजर उधर ही ई रिक्शा। धर्मनगरी में इतनी सवारी नहीं जितनी ई रिक्शा दौड़ रही है। करीब 25 हजार ई रिक्शा शहर के कोने कोने में दौड़ रही है जिनके कारण एक ओर जहां यातायात की भारी समस्या पैदा हो गई वहीं इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में भी इजाफा हो रहा हैं। वजह बिना देखें कही भी किसी और भी ये ई रिक्शा चालक वाहन को मोड़ देते है। आज नजारा यह है कि ऑटो चालक भी अपना ऑटो बेच बेचकर ई रिक्शा खरीद रहे है। इसकी तीन बड़ी वजह है एक तो यह आसान किश्तों पर उपलब्ध है और दूसरा इसका सरल पंजीकरण तीसरा इसके संचालन की कीमत।
हालांकि इन ई रिक्शा के संचालन को स्वरोजगार से जोड़कर इसकी पहल की गई थी लेकिन वर्तमान में इनकी तादात देखकर लगता है कि जैसे ये लोग अब तक बेरोजगार बैठे थे। हालांकि इनकी बढ़ती संख्या पर जिला प्रशासन को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा वरना स्थिति और भी विकट हो सकती है। इसके अलावा बाजारों,तंग गलियों अथवा जीरो जोन जैसे क्षेत्रों में इनके प्रवेश पर भी रोक लगनी चाहिए। इसके लिए हर पुलिस थानों को सख्त निर्देश मिलने चाहिए।