बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय को एआईसीटीई (आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) द्वारा ड्रोन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाना निश्चित किया गया है। गुरुकुल कांगड़ी 123 वर्ष पुराना विश्वविद्यालय होते हुए नवीनतम तकनीक ड्रोन टेक्नोलॉजी में कार्य कर रहा है। जिसके चलते एआईसीटीई द्वारा मेसर्स एविपीएल इंटरनेशनल कंपनी के सहयोग से एआईसीटीई द्वारा अनुदानित उत्तराखंड राज्य की प्रथम ड्रोन लैब होने जा रही है। इसके माध्यम से छात्र अपने ज्ञान को और अधिक सुदृढ़ कर सकेंगे। यह भारत के विजन विकसित भारत 2047 (अमृत काल) की दिशा में अहम कदम है।
इस अवसर पर समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता ने बताया की उत्तराखंड एक पर्वतीय क्षेत्र है, जहां आए समय सुदूर क्षेत्रों में गतिविधियों को गतिमान रखने में ड्रोन एक अहम भूमिका अदा करेगा। समाज को इसका लाभ मिलेगा और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और इंजीनियर मिलकर नए ड्रोन बनायेंगे।
समविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग संकाय सदैव नई तकनीकों पर कार्य कर रहा है। ड्रोन का यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इनोवेशन की दिशा में नई उपलब्धियां हासिल करेगा।
संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर विपुल शर्मा ने इस उपलब्धि पर सभी छात्रों एवं शिक्षकों को बधाई दी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रभारी डॉ संजीव लांभा ने बताया कि ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा पूरे भारत में 50 ड्रोन लैब स्थापित की जानी है, जिसके अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में यह लैब गुरुकुल कांगड़ी को मिली है।
इस अवसर पर वित्ताधिकारी प्रोफेसर राकेश जैन, डा मुरली मनोहर तिवारी, प्रोफेसर प्रभात सेंगर, प्रोफेसर विवेक गुप्ता, प्रोफेसर नवनीत, डा धर्मेंद्र बालियान आदि ने छात्रों के लिए इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि छात्रों को इस लैब के स्थापित होने से प्रशिक्षण के नए अवसर प्राप्त होंगे।