15 अप्रैल के बाद सरकार से आर-पार की लड़ाई का किया ऐलान
हरिद्वार। दलित नेता राजेन्द्र श्रमिक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर दलित समाज के लोगों के साथ धोखा किया है। सरकार ने यह फैसला सवर्ण नेताओं के दवाब में आकर लिया है। जिसकी समाज निंदा करता है। कहाकि इसके लिए समाज के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे। उक्त बात उन्होंने शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। श्री श्रमिक ने कहाकि पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर प्रदेश सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य किया है। सरकार ने इरशाद हुसैन कमेटी की सिफारिशोें को नजरअंदाज कर संविधान की धज्जियां उड़ायी है। इस फैसले से दलित व पिछड़ा समाज के लोगों में खासा रोष है। कहाकि सरकार के इस फैसले से उसका दलिता के प्रति नजरिया साफ हो गया है। कहाकि 18 मार्च दलित समाज के लिए काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहाकि किसी भी हालत में पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था का समाप्त नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए चाहे कितनी बड़ी लड़ाई लड़नी पड़े। उन्होंने कहाकि यह मुद्दा किसी पार्टी विशेष का नहीं बल्कि दलित व पिछड़ा समाज के लोगों के सम्मान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार को 15 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देते हुए कहाकि 15 अप्रैल के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। यदि आरक्षण का पुनः बहाल नहीं किया जाता है तो प्रदेश भर में सफाई व्यवस्था ठप की जाएगी और प्रदेश में चक्का जाम किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। प्रेसवार्ता के दौरान रोशन लाल, तीरथपाल रवि, भानपाल, सुनील, भंवर सिंह, सतीश कुमार, विजयपाल सिंह, प्रशांत राठौर, सीपी सिंह व सलेख चन्द्र आदि मौजूद थे।