हरिद्वार। चैत्र नवरात्र सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। चैत्र नवरात्र के साथ ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस बार चैत्र नवरात्र 25 मार्च से आरम्भ होंगे। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल चैत्र महीने के पहले दिन से ही नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। साथ ही इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो जाती हैं।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। इस बार चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होकर 2 अप्रैल राम नवमीं तक रहेंगे।
बताया कि 25 मार्च नवरात्रि का पहला दिन होगा। इस दिन कलश स्थापना के साथ नवग्रह, पंचारग पूजन आदि के साथ मां दुर्गा में प्रथम मां शैलपुत्री को पूजन किया जाएगा। 2 अप्रैल राम नवमी, के दिन महागौरी पूजन, कन्या पूजन के साथ नवरात्र का परायण होगा। पं. शुक्ल ने बताया कि घट स्थापना 25 मार्च प्रतिपदा तिथि को जाएगी। जबकि नवरात्र की प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 24 मार्च को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से हो जाएगा। उदय तिथि में प्रतिपदा तिथि न होने के कारण 25 मार्च से ही नवरात्र साधना आरम्भ होगी। इसी के साथ प्रतिपदा तिथि 25 मार्च को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। घट स्घ्थापना का मुहूर्त 25 मार्च को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस दौरान घट स्थापना करना श्रेयस्कर रहेगा।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक नवरात्र साल में चार बार आते है। आषाढ़ और माघ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र होते हैं जबकि चैत्र और अश्विन माह में होने वाले नवरात्र होती हैं प्रकट व प्रमुख होते हैं।