दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
कोरोना वायरस के चलते 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के 4वे दिन भी रुड़की शहर का जन जीवन थमा रहा ओर चारों ओर सिर्फ सुनी सड़कें, गालियां व चोराहे ही नजर आए। सुबह 7 बजे खरीदारी करने के बाद जनता वापस फिर अपने-अपने घरों में कैद हो गयी। हालांकि शहर में फंसे बाहरी लोग अपने घरों को जाने की जुगत में इधर उधर भटकते रहे। शनिवार की रात्रि भी कई दर्जन लोग नगर निगम चौक पर पहुंचे। जहाँ पुलिस प्रशासन ने उन्हें खाना खिलाया तथा उनके ठहरने के लिए निगम का रेन बसेरा खुलवाया।
कोरोना वायरस की महामारी हर आम व खास व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर रही है। इस महामारी से बचाव के लिए सरकार ने 21 दिनों का लॉक डाउन किया हुआ है ताकि लोग घरों से बाहर न निकले और सुरक्षित रह सके। लेकिन दूसरे राज्यों से आकर यहां औद्योगिक इकाइयों व मजदूरी करने वाले लोगों के सामने यह बड़ा संकट है, चूंकि औद्योगिक इकाइयों में काम बंद हो गया है, जिसके चलते उनके पास और कोई चारा भी नही है, दूसरा यह लॉकडाउन कितने दिन तक चलेगा, इसका भी कोई मालूम नही है। ऐसे हालात में उनका घर लौटना ही बेहतर है, लेकिन उनके सामने वाहन की समस्या आ रही है। जो बंद पड़े है। इसलिए वह पैदल ही जाने को विवश है। आगरा के गलपुरा निवासी कुलदीप व आकाश पुत्रगण राजाराम ने बताया कि वह सहारनपुर स्थित औद्योगिक इकाइयों में कार्य करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह बंद हो गयी। जिसके बाद उन्होंने घर जाना ही बेहतर समझा। जैसे-तैसे वह सहारनपुर से रुड़की तो आ गए लेकिन आगे का सफर भी कठिनाई से भरा है। उन्होंने कहा कि उनके साथ एक बच्चे समेत 16 लोग है, जो अलग-अलग जगह जायेंगे। उन्होंने सरकार से परिवहन सम्बन्धी रास्ते खोलने की मांग की। उनके साथ अंजली पत्नी विशेषराज निवासी गलपुरा आगरा व एक छोटा बेटा, आकाश पुत्र हरिकिशन निवासी मोहम्मदपुर जिला फिरोजाबाद, विशाल पुत्र काशीराम तहसील फिरोजाबाद, सियाराम पुत्र विजयी निवासी बहराईच, नवबीर पुत्र प्यारे निवासी उपरोक्त, इरफान पुत्र वारिश अली निवासी उपरोक्त, बृजेश पुत्र संजय निवासी खुरवई जिला ईटा, अमित पांडे पुत्र गजानंद पांडे निवासी प्रयागराज इलाहाबाद, संजय पुत्र चंद्रपाल सिंह चंदौसी, सुनीता पत्नी धर्म सिंह चंदौसी व गीता पत्नी संजय निवासी चंदौसी शामिल रहे। इसके अलावा 17 लोग, जो लखीमपुर खीरी के निवासी है, वह भी निगम चौक पर ठहरे ओर खानपान के बाद वह भी पैदल ही चल दिये।