दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
नगर के एक रेस्टोरेंट पर कार्यरत् कर्मी ने अल्पसंख्यक आयोग को पत्र भेजकर रेस्टोरेंट स्वामी से अपने रुके हुए दो माह का वेतन दिलाये जाने की मांग की। जिसकी प्रतिलिपि पीड़ित ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली, जिलाधिकारी हरिद्वार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ ही संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की को भी प्रेषित की है।
कर्मी फैज आलम ने अल्पसंख्यक आयोग को भेजे पत्र में बताया कि बैक टू बेसिक नामक एक रेस्टोरेंट, जिसकी मालकिन साक्षी पंत पुत्री सरोज पंत है, ने माह दिसम्बर में शैफ के पद पर 9500 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर उसे काम पर रक्खा था। प्रार्थी द्वारा कड़ी मेहनत से कार्य किया गया। माह दिसम्बर तक का वेतन उन्हे दिया गया, परन्तु उसके बाद जनवरी, फरवरी और 5 मार्च 2020 तक का वेतन नही मिला। उसने बताया कि रैस्टोरेंट की मालकिन द्वारा यह कहा गया कि वह यह रेस्टोरेंट बंद कर रहे है, इसलिए आप कल से नौकरी पर ना आये। जब प्राथी द्वारा उन से अपना रुका वेतन 20110 रुपये मांगे गये, तो उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि रेस्टोरेट के मालकिन द्वारा उन्हें पैसे मांगने पर धमकी भी दी गई। इतना ही नही अपने बेटे ऋषभ पंत नेशनल स्तर का क्रिकेट खिलाड़ी का नाम बताकर पुलिस द्वारा उठवाये जाने जाने की बात भी कही। पत्र में पीड़ित ने आयोग से अनुरोध कर रुका वेतन दिलाये जाने की मांग की।