महाराष्ट्र में संतों की हत्या पर जताया कड़ा विरोध
मुंबई। संन्यास आश्रम विलेपार्ले मुंबई और श्री गिरिशानंद आश्रम सूरतगिरि बंगला हरिद्वार व कई अन्य संस्थाओं के परमाध्यक्ष स्वमी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार को दो लाख और महाराष्ट्र सरकार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है।
बता दें कि जब से कोरोना संक्रमण का भारत में हमला हुआ है और देश में लॉकडाउन आरम्भ हुआ है। संस्था के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरांनद गिरि महाराज लोगों के मदद में तत्पर हैं। संस्था द्वारा लगातार अपनी अलग-अलग शहरों में स्थित संस्थाओं के माध्यम से लोगों को निरन्तर राशन, भोजन आदि वितरित किया जा रहा है। स्वामी विश्वेश्वरांनद गिरि महाराज धर्म प्रसार के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निवैहन कर रहे हैं। इसे साथ ही कोरोना के संक्रमण की समाप्ति के लिए कनखल स्थित आश्रम में महामृत्युंजय का जप भी विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा जारी है।
वहीं दूसरी ओर स्वामी विश्वेश्वरांनद गिरि महाराज महाराष्ट्र में जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या किए जाने की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने गुजरात से अंत्येष्ठि में शामिल होने के बाद मुम्बई लौट रहे संतों की निर्मम हत्या पर कड़ा विरोध जताते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। पत्र में कहाकि घटना स्थल पर पुलिस के जवानों की मौजूदगी में ऐसा कृत्य सभ्य समाज के लिए कलंक है। कहाकि निर्दोष संतों की पुलिसकर्मियों ने कोई मदद नहीं की। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब महाराष्ट्र के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को देना चाहिए। उन्होंने कहाकि एक समुदाय विशेष द्वारा इस कृत्य को अंजाम देना धर्म पर कुठाराघात है। सरकार को इस घटना पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।