हरिद्वार। लॉकडाउन 3 के आरम्भ होते ही सरकार के द्वारा लॉकडाउन में कुछ रियायतें देते हुए दुकानों के खुलने के समय में जहां वृद्धि की गई है। वहीं शराब की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दे दी गयी है। ऐसे में शराब के ठेकों के बाहर शराब पीने वालों की लम्बी कतारें सुबह से ही लगी रहीं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ायी गयीं।
लॉकडाउन के दौरान हो रही लोगों को दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कुछ ढील दी गयी है। ऐसे में सुबह से ही शराब की दुकानों के बारह लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। वहीं लॉकडाउन में लोगों की परेशानियों को देखते हुए समाजसेवी संगठनों व सरकार द्वारा लोगों को राहत के तौर पर भोजन और राशन सामग्री बांटने का कार्य भी निरंतर किया जा रहा है। ऐसे में बडी संख्या में लोग राहत सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।
शराब की दुकानें खोले जाने और वहां उमड़ी भीड़ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्राचार्य व समाजसेवी डा. सुनील बत्रा ने शराब की दुकानो के बाहर लगी लाईनों को चिन्ताजनक बताते हुए कहा कि ’लांकडाउन अवधि में शराब की एक-एक बूंद को तरसे लोग शराब की दुकानों पर सुबह से ही लम्बी कतारों में लगे हुए हैं। कहाकि शराब खरीदने वाले व्यक्ति पर लॉकडाउन के दौरान चुनाव वाली स्याही उसकी अंगुली में लगा देनी चाहिए ताकि ऐसे व्यक्ति एवं उसके परिवार को किसी भी प्रकार का राशन अथवा राहत सामग्री नहीं दी जाए। कहाकि अगर व्यक्ति के पास शराब खरीदने के लिए पैसे हैं तो उसे मुफ्त में राहत सामग्री क्यों दी जाये। इससे कई अन्य वास्तविक जरूरतमंदों को अतिरिक्त राहत दी जा सकेगी। उन्हांेने कहा कि जो लोग शराब खरीद सकते हैं वे राशन भी खरीद सकते हैं। उन्हांेने कहा कि यह समाज का बड़ा ही घिनौना चेहरा है। ऐसे लोगों को राशन मुफ्त चाहिए और शराब खरीदने के लिए लाईन लगा कर नकद खरीद रहे हैं। जो की निंदनीय है।