हरिद्वार। बीएचडब्ल्यू, बहादराबाद में तैनात पुष्पा सैनी ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देहरादून के महानिदेशक से मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार के माध्यम से जनपद हरिद्वार में महिला स्वास्थ्य कर्मियों की पदोन्नति नियमावली के विरुद्ध किए जाने के संदर्भ में अपील की है।
पुष्पा सैनी ने बताया कि जनपद हरिद्वार में 19 मई 2020 को पदोन्नति की सूची संख्या 12/ 2020-21/ 1502/ 01/ 12 के अनुसार 5 महिला स्वास्थ्य कर्मियों की पदोन्नति के आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा जारी किए गए हैं, जो कि मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण विभाग की नियमावली के विरुद्ध हैं। कहाकि जिस नियम से उपरोक्त पदोन्नति की सूची जारी की गई है वह स्वास्थ्य विभाग की पदोन्नति नियमावली में उल्लेखित नहीं है। नियमावली के अनुसार मौलिक नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जानी चाहिए थी, जिस पर पुष्पा सैनी को उस पदोन्नति सूची पर घोर आपत्ति है। उस सूची में क्रमांक 4 और 5 उनसे कनिष्क हैं।
अपने पत्र में उन्होंने कहाकि गत वर्ष भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा विभागीय नियमावली के विरुद्ध एक पदोन्नति सूची बनाई गई थी। उस सूची को उनके द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल में चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय न दोनों पक्षों की बात सुनते हुए फैसला पुष्पा सैनी के पक्ष में 15 अक्टूबर 2019 को दिया था। जिसकी रिट याचिका संख्या 259/2019 जो कि पुष्पा सैनी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार कार्यालय में 13 नवम्बर 2019 को प्रस्तुत कर दिया था। जिसकी प्राप्ति की प्रति उनके पास है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल का निर्णय उनके पक्ष में होने के पश्चात भी न्यायालय के आदेश का अनुपालन आज तक भी नहीं किया गया है। जो की सीधा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। पुष्पा सैनी ने अनुरोध करते हुए कहाकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा 19 मार्च 2020 को जारी पदोन्नति सूची विभाग की नियमावली एवं उच्च न्यायालय के विरुद्ध है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहाकि यदि एक सप्ताह के अंदर उनके साथ न्याय करते हुए उनकी पदोन्नति नहीं की जाती है तो उन्हें विवश होकर उच्च न्यायालय नैनीताल में संबंधित कर्मचारी एवं अधिकारी के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही करने के लिए विवश होना पड़ेगा।