दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और यूट्यूब को एक हिंदी समाचार चैनल द्वारा डाले गए उस वीडियो को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने देश के हितों के विरूद्ध लाल चंदन की लकडि़यां बेचीं।
न्यायमूर्ति वी के राव ने अपने अंतरिम आदेश में इस समाचार चैनल को संबंधित वीडियो समेत कोई भी ऐसी खबर या समाचार प्रसारित, प्रकाशित करने या अपनी वेबसाइट पर डालने से रोक दिया है, जो पतंजलि आयुर्वेद की बदनामी करने वाले या उसकी साख बिगाड़ने वाले हों। उच्च न्यायालय ने कहा कि पतजंलि की ओर से इस समाचार चैनल पर अंकुश लगाने के अनुरोध का प्रथम दृष्टया मामला बनता है और ऐसे में अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक उस पर यह रोक रहेगी। न्यायाधीश ने कहाकि इसके अलावा मैं यह निर्देश देना उपयुक्त समझता हूं कि फेसबुक और यूट्यूब यूआरएल को हटा लें या उसे देखने से रोके जिसमें मानहानिकारक वीडियो है।
बता दें कि न्यायालय का यह आदेश पतंजलि की उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया है गया है कि इस मानहानिकारक वीडियो में गंभीर आरोप लगाये गये हैं कि उसने देशहित के विरूद्ध लाल चंदन की लकडि़यां बेचीं।