हरिद्वार। दूसरों को मोह-माया से दूर रहने और सदैव धर्म के कार्य करने का ज्ञान बांटने वाले मोह की दलदल में कैसे फंसे हैं इसका अंदाजा इनकी जीवनशैली से ही लगाया जा सकता है। दूसरों को धर्म का उपदेश देने वाले अधर्म के कार्य में संलग्न होकर जहां धर्म को ठेस पहुंचाने का कार्य करते हैं वहीं अन्य सज्जन पुरूषों के लिए भी ऐसे लोग मुसीबतें खड़ी करने का कार्य करते हैं।
सूत्र बताते हैं कि ऐसे ही एक भगवाधारी हैं जो कथित चोरी के माल से आज धन्ना सेठ बने हुए हैं और विलासितापूर्ण जीवन जी रहे हैं। इनके देशी से अधिक विदेशी शिष्य है। जिस कारण इनके पास अकूूत सम्पत्ति है। इनके ठाट-बाट ऐसे हैं जैसे कोई राजा-महाराज हों। किन्तु स्वंय को ये तपस्वी और माया से दूर बताते हैं। बताया जाता है कि एक विदेशी महिला इन संत के पास कुछ कार्य के लिए आई थी। उस समय महिला के पास एक करीब 25 लाख मूल्य को हीरा था। जिसे संत ने अपने कथित ज्ञान के जाल में फंसाकर उसका हीरा चोरी कर लिया। बताया जाता है कि उस चोरी किए हीरे से बाबा जी मालामाल हो गए। उस पैसे से इन्होंने अपने आडम्बर का जाल फैलाया और शिष्यों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य किया। वैसे इन कथित संत के किस्से कई बार देश में चर्चाओं में भी बने रहे। बावजूद इसके अपने धन बल के कारण इन्होंने सभी मामलों को दबा दिया। अब ये कथित संत कुंभ की तैयारियों में जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि इस बार भी कुंभ के दौरान इनकी विलासितापूर्ण जीवनशैली देखने को मिलेगी। हीरा चोर कथित संत कुंभ की पेशवाई में इस बार भी पालकी पर नजर आएंगे। सूत्र बताते हैं कि हीरा चोरी का मामला फिलहाल का नहीं करीब दो दशक पुराना है। उस समय विदेशी महिला ने बाबा के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा था और सगाई के तौर पर वह हीरा अंगूठी में पहनाने की बात कही थी। जिसे बाद में बाबा ने पार कर दिया था।