हरिद्वार। लदद्ाख में भारत चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बीस भारतीय सैनिकों के बलिदान पर संत समाज ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री पंचदशनाम जून अखाड़े के अर्न्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि, अर्न्तराष्ट्रीय प्रवक्ता दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद श्रीमहंत नारायण गिरि के निर्देशन में गुरुवार को सिद्वपीठ मायादेवी मन्दिर में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए शांति यज्ञ का आयोजन किया गया तथा शांतिपाठ किया गया।
शहीदों को श्रद्वांजलि देते हुए संत समाज तथा नागा सन्यासियों ने ईश्वर से उनके परिवारों को इस असहय दुःख को सहने करने की शाक्ति प्रदान करने की कामना की। श्रीमहंत हरि गिरि ने चीन द्वारा किए गए कायराना हमले की निन्दा करते हुए कहा कि पूरा संत समाज व देश शहीदों को नमन करता है तथा ईश्वर से उनके परिवार को इस कष्ट को सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जाए तथा राज्य सरकारें भी पचास-पचास लाख रुपये की सहायता शहीदों के परिवारों को दें। इसके साथ ही शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि चीन की इस दुस्साहस की कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत अब 1962 वाला भारत नहीं है। अब दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने वाला भारत है। उन्होने सभी भारतवासियों से चीनी माल का बहिष्कार करने का आहवान करते हुए कहा कि चीन को सामरिक मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी हराना होगा। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील की है। राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी ने बताया कि शहीदों की आत्मा की शांति के लिए जूना अखाड़े की भारतवर्ष की सभी शाखाओं व सिद्वपीठ मन्दिरों में शांतियज्ञ तथा शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है। शांति यज्ञ में श्री महंत प्रज्ञानंद गिरि, कोठारी महंत लाल भारती, कोरोबारी महंत महादेवानंद, पुजारी महंत परमानंद गिरि, महंत विष्णु गिरि, थानापति महंत रणधीर गिरि, महंत गोविन्द गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, हंत आजाद गिरि, महंत महावीर गिरि, महंत विवेकपुरी, महंत राजेन्द्रगिरि, महंत राघवेन्द्र गिरि तथा महंत ओम गिरि सहित कई साधु संत शामिल हुए।