मुख्यमंत्री की घोषणा की अवहेलना बताया, भेजा ज्ञापन
हरिद्वार। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी शिवालिकनगर नगर पालिका में भवन, सम्पत्ति के प्रपत्रों को घर-घर जाकर बेचे जाने का यूकेडी ने आरोप लगाया है।
यूकेडी के मुख्य महामंत्री राजीव देशवाल ने कहाकि शिवालिकनगर पालिका प्रशासन की ओर से घर-घर में भवन, सम्पप्ति कर के प्रपत्र को 10 रुपये में वितरित किए जा रहे हैं। कहाकि 13 फरवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की घोषणा के अनुसार नगर पालिका क्षेत्र 10 वर्ष तक कोई भवन कर नहीं लिया जाएगा। बावजूद इसके कर के लिए प्रपत्र बेचना मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना है। कहाकि अभी हाल में नगरपालिका शिवालिकनगर क्षेत्र में भवन व भूमि स्वामियों द्वारा गृह, सम्पत्ति कर निर्धारण के लिए सम्पत्ति ब्यौरा फार्म भरवाये जा रहे हैं। जिनका मूल्य रूपये 10 रुम्पये रखा गया है। उन्होंने नगर पालिका के प्रपत्र बेचे जाने के कार्य की निंदा की। इसी के साथ मुख्यमंत्री को डीएम के माध्यम से भेजे ज्ञापन में उत्तराखण्ड क्रांति दल के जिला महामंत्री राजीव देशवाल ने कहाकि नगरपालिका शिवालिकनगर द्वारा किस नगर पालिका अधिनियम के तहत सम्पत्ति ब्यौरा फार्म भरवाये जा रहे हैं। गृह, सम्पत्ति कर निर्धारण की प्रक्रिया का अधिकार फिलहाल प्रथम बार एक वर्ष के गठन को है। जब शिवालिकगर नगरपालिका आरम्भिक काल में है तो गृह, सम्पत्ति कर निर्धारण कितने वर्षों पश्चात किया जा सकता है। कहाकि कर निर्धारण की प्रक्रिया कैसे होगी तथा किसा किस नियमावली से तहत इस प्रक्रिया को किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि कितने वर्षों की सम्पत्ति पर कर निर्धारण किया जाएगा, इसका कोई उल्लेख प्रपत्र में नहीं किया गया है। उन्होंने कहाकि प्रपत्र बेचने से पूर्व बेहतर होता की अइसका प्रचार-प्रसार किया जाता। उत्तराखण्ड क्रांति दल के श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष रविंद्र वशिष्ठ ने कहा कि शिवालिकगर नगरपालिका को आय के अन्य स्रोतों द्वारा राजस्व एकत्र करना चाहिये न की जनता पर करों का बोझ डाल कर। महामंत्री चौधरी बृजबीर सिंहय् संगठ्न मंत्री दीपक गोनियाल, एमडी शर्मा, सरिता पुरोहित ने संयुक्त रूप से कहा कि शिवालिकगर नगरपालिका कार्य करने के स्थान पर क्षेत्रीय निवासियों का शोषण ही करती आ रही है। इस दौरान अध्यक्ष देशा सिंह, सचिन चौहान, ब्रिजेश खुराना, तरुण, धर्मेंद्र व प्रदीप उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।