हरिद्वार। राज्य स्थापना दिवस की तरह राजकीय अवकाश घोषित करने तथा राज्य आंदोलनकारियों की लंबी 7 सूत्री मांगों को घोषित किए जाने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे के नेतृत्व में एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को प्रेषित किया। इससे पूर्व समिति के केंद्रीय संगठन मंत्री महेश गौड़ की अध्यक्षता एवं केंद्रीय सचिव विजय भंडारी के संचालन में तीन प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें देहरादून में सैनिक धाम के साथ-साथ राज्य आंदोलनकारी धाम बनाने की मांग की गई। साथ ही राज्य स्थापना दिवस को प्रातः 11 बजे प्रेमनगर आश्रम के घाट पर आतिशबाजी कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को 101 दीप प्रज्वलित कर गंगा में दीपदान कर रात्रि को अपने-अपने घरों में दीपावली मनाने का निर्णय लिया गया। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे ने मुख्यमंत्री पर राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने लगभग ढाई साल के कार्यकाल में एक भी मांग को पूरा नहीं किया। यहां तक राज्य आंदोलनकारियों की पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को भी धीरे-धीरे करके समाप्त कर रहे हैं। कहा कि मसूरी में मनाए गए स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों एवं शहीदों के परिजनां तके को आमंत्रित नहीं किया गया। महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्ष सावित्री नेगी ने कहा कि अब 15 अगस्त 26 जनवरी राज्य स्थापना दिवस सहित राजकीय कार्यक्रमों में राज्य आंदोलनकारियों को आमंत्रित तक नहीं किया जाता है। केंद्रीय सचिव विजय भंडारी, जिला संगठन मंत्री कामरेड विजय पाल, राकेश वशिष्ठ, राजेश गुप्ता, गया प्रसाद कुकरेती, लक्ष्मी मिश्रा, मंजू देवी, मोहर सिंह राणा, हेमराज सैनी आदि ने समस्त राज्य आंदोलनकारियों से 9 नवंबर को प्रातः 11 बजे प्रेम नगर आश्रम के घाट पर आने की अपील की।