हरिद्वार। कोरोना प्रभावित लोगों के सहयोग के लिए ब्रिटेन ने इंटरनेशनल फेथ कम्यूनिटीस केपिटल नामक एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है। इसमें आध्यात्मिक एवं नैतिक सहयोग के लिए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या को मुख्य सदस्य के रूप में नामित किया है। इस समिति में डॉ. पण्ड्या एकमात्र भारतीय सदस्य हंै। डॉ. चिन्मय के अलावा इसमें ब्रिटेन ने विश्व के विभिन्न सम्प्रदायों के नामचीन लोगों को शामिल किया है।
समिति का प्रमुख कार्य विश्वभर में वैश्विक महामारी कोरोना प्रभावित लोगों तक नैतिक एवं आर्थिक सहयोग मुहैया कराना है। इसके लिए सौ मिलियन पाण्उड का एक फंड बनाकर सबसे ज्यादा प्रभावित एवं अभावग्रस्त लोगों तक सहयोग करना पहुंचाया जायेगा। इसके अलावा कोरोना काल में जीवन के प्रति डगमगाती आशा को नव संकल्प द्वारा जीवंत रखते हुए आध्यात्मिक एवं नैतिक सहयोग दिया जाना प्रस्तावित है। कई शैक्षणिक संस्थानों ने इस विषय पर कई शोध किये हैं, तद्नुसार कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की मदद करने का यह अत्यंत कुशल एवं प्रभावी मार्ग है।
ज्ञातव्य है कि देसंविवि के प्रतिकुलपति आध्यात्मिक क्षेत्र के जाने माने पुरस्कार जॉन टेंपल्टन पुरस्कार जांच समिति के प्रथम भारतीय जज, डब्ल्यूएचओ सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में प्रमुख अथवा सदस्य के रूप में भी नामित हैं। भारत सरकार के आईसीसीआर कोर समिति के सदस्य के अलावा विश्वभर में योग एवं भारतीय संस्कृति के विस्तारक के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। प्रतिकुलपति वैश्विक महामारी के इस आपत्तिकाल में भाईचारे के भावों को विकसित करने, भारतीय संस्कृति एवं युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की मानवीय जीवन में आध्यात्मिक स्तर उठाने जैसे विषयों को रखेंगे, जिससे व्यक्ति इस विपत्तिकाल में अपने वैचारिक एवं मानसिक स्तर को सुदृढृ बनाये रखें।
इंटरनेशनल फेथ कम्यूनिटीस केपिटल समिति में मिडलस्ब्रो के रोमन कैथोलिक बिशप टेरी ड्रेरेनी, लंदन के बिशप सारा मुलल्ली, नेशनल चर्च लीडर्स फोरम के सह अध्यक्ष डॉ. डेविड मुइर, इमाम लिसेस्टर, शैख इब्राहीम मोगरा आदि स्थापित हस्ताक्षर शामिल हैं।