हरिद्वार। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने प्रदेश सरकार से कुंभ मेले से पूर्व हरकी पैडी पर बह रही गंगा जल की धारा का नाम पुनः गंगा किए जाने की मांग की है। स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि पौराणिक काल से हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुण्ड होने व वहां बह रही गंगा जल की धारा को गंगा के नाम से पुकारा जाता रहा है। लेकिन वर्तमान में गंगा जलधारा के नाम को बदले जाने से श्रद्धालु में भ्रम उत्पन्न हो रहा है कि वास्तव में गंगा है कहां। इस भ्रम को दूर करने की जिम्मेदारी सरकार की है। गंगा को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर संतों में रोष व्याप्त है। संतों में रोष को देखते हुए सरकार को कुंभ शुरू होने से पहले ही हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा जल की धारा को गंगा को घोषित करना चाहिए। कुंभ शुरू होने में समय कम शेष रह गया है। ऐसे में कौन सी जल धारा गंगा है। इसको लेकर भ्रम की स्थिति बने रहना उचित नहीं है। स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गंगा को स्केप चैनल घोषित किया था। इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत संतों के समक्ष क्षमा याचना भी कर चुके हैं। ऐसे में अब भाजपा सरकार का दायित्व है कि वह स्केप चेनल को पुनः गंगा घोषित कर संतों व श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करे।