कोरोना को लेकर व्यवस्थाएं दुरूस्त पायीं
हरिद्वार। उच्च न्यायालय द्वारा कोविड उपचार व्यवस्थाओं की निगरानी के लिये गठित डिस्ट्रिक्ट माॅनिटरिंग कमेटी ने गुरुवार को एम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम ने अस्पताल में कोराना वायरस से ग्रसित मरीजों के इलाज की कार्य प्रणाली व इसके लिये जुटाई गयी तमाम व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करते हुये एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती कोरोना ग्रसित मरीजों से वीडियो काॅल के द्वारा संवाद भी किया। संस्थान के कोविड सेण्टर में सभी व्यवस्थायें मुकम्मल पाये जाने पर टीम ने सन्तोष व्यक्त किया।
उच्च न्यायालय द्वारा कोविड सेण्टरों की व्यवस्था के लिये गठित जिला निगरानी समिति के सदस्यों ने एम्स का दौरा किया। एम्स निदेशक रविकान्त ने बताया कि संस्थान के संस्थान के कोविड सेण्टर में कोराना मरीजों की भर्ती व आईसोलेशन के लिये 400 बेड का स्पेशल सेण्टर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला मेडिकल संस्थान है, जहां कोविड सेण्टर में कोराना वायरस से ग्रसित गंभीर रोगियों के लिये 6 स्पेशल आईसीयू (16 बेड प्रति आईसीयू) बनाये गये हैं। उन्होेने बताया कि कोविड सेण्टर में कोरोना ग्रसित मरीजों के उपचार व निगरानी के लिये 24 घण्टे चिकित्सकों की टीम लगायी गयी है।
श्री रविकान्त ने बताया कि एम्स में कोराना से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों के लिये प्लाज्मा बैंक बनाया गया है, जिसमें संस्थान के ही कोविड से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हेल्थ केयर वर्कर्स द्वारा प्लाज्मा डोनेट किया जा रहा है, जिससे अब तक 50 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है। उन्होंने प्लाज्मा डोनेशन में देहरादून के फोर्सेज के जवानों व हरिद्वार के एनजीओ की भी सराहना की।
कमेटी की अगुवाई कर रही सिविल जज अपर डिवीजन व सचिव जिला विधिक प्राधिकरण नेहा कुशवाहा ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में कोविड मरीजों के उपचार के लिये मुकम्मल व्यवस्थायें की गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड के सभी 13 जिलों में कोविड व्यवस्थाओं की निगरानी के लिये समितियों का गठन किया था। शैलेन्द्र सिंह नेगी (एसडीएम स्तर) को हरिद्वार में इस समिति का नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शिवानी पसबोला तथा हरिद्वार बार संघ के अध्यक्ष नमित शर्मा इसके सदस्य हैं।