रुड़की/संवाददाता
देश में जिस प्रकार बहुजन समाज के छात्रों, महिलाओं और लोगों पर जुल्म, अत्याचार और उनका शोषण किया जा रहा है, उसके विरोध का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बहुजन छात्र संघ को मजबूरी में मैदान में आना पड़ा। देश की राजनीति में बहुजन का नेतृत्व स्वार्थी बन गया, उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस व बलरामपुर में दलित समाज की बहन-बेटी के साथ जिस तरह के जघन्य अपराध हो रहे हैं, वह समाज के लिए जनहानि और क्रूरता है। लेकिन समाज के मान सम्मान पर बहुत बड़ा हमला कर समाज को मानसिक रूप से गुलाम बनाने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। बहुजन छात्र संघ इस साजिश को कभी भी सफल नहीं होने देगा। हाथरस में मनीषा के साथ हुई बर्बरता के बाद जो उसका मजाक उड़ाया जा रहा है, बहुजन छात्र संघ उसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। जहां एक और प्रधानमंत्री बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा लगाते हैं, वहीं दूसरी और हवस के भूखे भेड़िये बहू- बेटियों को अपनी हवस का शिकार बनाकर उन्हें जान से मार देते हैं। यूपी मुख्यमंत्री मुआवजे का लालच देकर उनको बाजारु घोषित कर देते हैं। बहुजन छात्र संघ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछता है कि यदि आपकी बेटी के साथ भी ऐसा जघन्य अपराध होता, तो उसकी कितनी कीमत लगाते। इतिहास गवाह है कि यह मेहनतकश समाज है ओर अपनी आन, बान और शान के लिए सर कटा सकता है और दूसरों के सिर काट भी सकता है। छात्र संघ ने नगर निगम द्वार के निकट बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सामने एक दिवसीय सांकेतिक मौन अनशन कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देने की मांग करता है। अनशन करने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रखंड अनुपम भास्कर, जिला अध्यक्ष जॉनी मौर्य, जिला उपाध्यक्ष शुभम उनियाल, जिला महासचिव सोनू, विकासखंड अध्यक्ष झबरेड़ा सौरभ पालीवाल, अनित, रईस अली, अरुण आर्यन, डाबर, शिवा, नितिन, प्रमोद, शाहरुख, आकाश पटेल, अंकित, पूनम सिंह, सपना, विजय, रोबिन, विपिन आदि लोग मौजूद रहे।