शहीद घाट बनाने का प्रशासन से किया जायेगा अनुरोधः रविन्द्र पुरी
हरिद्वार। विश्वभर में भारतीय सेना के अदम्य साहस के लिए उत्तराखण्ड का नाम गौरव से लिया जाता है। देवभूमि में स्वतंत्रता से पूर्व और आजादी के पश्चात अनेक वीर सैनिक वीरता पदक से सम्मानित हुए हैं। इसके साथ ही हजारों सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। इन वीर सैनिकों के प्रति एसएमजेएन पीजी काॅलेज में नवनिर्मित शौर्य दीवार एक सच्ची श्रृद्धाजंलि है। वर्तमान पीढ़ी में शौर्य दीवार के साथ राष्ट्रीयता व देशभक्ति के भाव पैदा होंगे।
उक्त विचार अपर कुम्भ मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने महाविद्यालय में वीर सैनिकों की याद में बनी शौर्य दीवार का उद्दघाटन करते हुए व्यक्त किये। शौर्य दीवार को शौर्य स्तम्भ की उपाधि देते हुए उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए एक नई आजादी की आवश्यकता है जिससे वे व्यसन मुक्त जीवन जी सकें। उन्होंने आह्वान किया कि युवा पीढ़ी वीर सपूतों से प्रेरणा लेकर अपने देश का नाम रोशन करें।
काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति रक्षा हेतु हमारे नायकों एवं राष्ट्रभक्तों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि काॅलेज के खेलकूद मैदान के पीछे शहीद घाट बनाने का प्रशासन से अनुरोध किया जायेगा।
काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील बत्रा ने कहा कि नवनिर्मित शौर्य दीवार में 21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों के चित्र के साथ उनकी गौरवगाथा अंकित है। देशभक्तों व वीर सैनिकों के बिना किसी भी देश के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण अधिकारी डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। नगर विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा वर्चुअल के माध्यम से शौर्य दीवार का उद्घाटन अवसर पर शहीदों को याद करते हुए श्रद्धाजंलि भी अर्पित की।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष लखन गिरि, रामरतन गिरि, दिनेश गिरि, राधे गिरि, नरेश गिरि, दिगम्बर श्री रघुबन, डाॅ. मनमोहन गुप्ता, डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, रासेयो की कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. कुसुम नेगी, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. शिवकुमार चैहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, श्रीमती रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, वैभव बत्रा, साक्षी अग्रवाल, सुगन्धा वर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. विनीता चैहान, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पदमावती तनेजा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, वेद प्रकाश चैहान, होशियार सिंह चैहान, हेमवंती आदि शिक्षक व शिक्षणेत्तर उपस्थित थे।